Prayagraj News- पुलिस भर्ती2018 मामला, शारीरिक दक्षता में सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर विचार का निर्देश

Prayagraj News- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती2018 में शामिल, मेडिकल बोर्ड की दुबारा जांच में शारीरिक दक्षता में फिट पाए गए अभ्यर्थियों को रिक्तियों की उपलब्धता होने पर नियुक्ति देने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड को निर्देश दिया है कि 2018 की द्वितीय भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों जो कि पूर्व में हुई किसी न किसी भर्ती में शारीरिक दक्षता में सफल हुए थे मगर 2018 की भर्ती में असफल हो गए ,को एक माह के भीतर बोर्ड गठित कर दुबारा जांच कराए और सफल अभ्यर्थियों को रिक्तियों की उपलब्धता के अनुसार अवसर दिया जाए।


प्रीति देवी, प्रबल कुमार सिंह सहित सैकड़ों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने दिया। याचियों की ओर से अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी और अनिल सिंह बिसेन ने पक्ष रखा।
पुलिस भर्ती 2018 को लेकर तमाम अभ्यर्थी हाई कोर्ट पहुंचे थे। इनमें एक वर्ग उन अभ्यर्थियों को है जो पुलिस भर्ती बोर्ड की शारीरिक दक्षता परीक्षा में लंबाई या अन्य मानकों पर सफल नहीं हुए मगर प्राइवेट या अन्य जांचों में सफल हुए थे। इन्होंने आज का दाखिल कर मांग की थी कि इनका एक और अवसर दिया जाए। एक अन्य वर्ग उन याचियों का है जिनको हाई कोर्ट ने दुबारा स्पेशल बोर्ड गठित कर जांच करने का आदेश दिया था एक अन्य वर्ग उन अभ्यर्थियों का है जो पुलिस भारती बोर्ड द्वारा पूर्व में आयोजित की गई परीक्षाओं में शारीरिक मानक में फिट पाए गए थे मगर 2018 की परीक्षा में अनफिट करार दे दिए गए।
प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि 13 मार्च 2025 को फाइनल रिजल्ट घोषित हो चुका है और चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दी जा रही हैं कोर्ट द्वारा कोई आदेश दिए जाने की स्थिति में चयनित अभ्यर्थियों का अधिकार प्रभावित होगा और मेरिट लिस्ट फिर से तैयार करनी होगी जो उचित नहीं होगा।
कोर्ट ने मेडिकल भर्ती बोर्ड को कहा है की समानता के आधार पर न्याय करते हुए भारती बोर्ड उन अभ्यार्थियों को जो कोर्ट के आदेश से गठित स्पेशल बोर्ड की जांच में शारीरिक रूप से फिट पाए गए हैं पर रिएक्शन की उपलब्धता के आधार पर नियुक्ति देने पर विचार करें इसी प्रकार से 2018 की द्वितीय भर्ती में ऐसे भारती जो पूर्व की किसी परीक्षा में शारीरिक दक्षता में फिट पाए गए थे उनको एक माह के भीतर दोबारा बोर्ड गठित कर उनकी शारीरिक दक्षता की जांच की जाए और फिट पाए जाने की स्थिति में रिक्तियों की उपलब्धता के आधार पर उनको नियुक्ति दी जाए।

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