बांदा। स्टेट हाईवे बांदा-चिल्ला-बहराइच मार्ग समेत जिले में 813 किलोमीटर की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने में पीडब्ल्यूडी ने करीब साढ़े सात करोड़ रुपये कागजों में खर्च कर दिए। हकीकत यह है कि अभी भी तमाम सड़कें गड्ढा मुक्त होने की बजाए गड्ढायुक्त हैं। इनमें स्टेट हाईवे भी शामिल है। हालांकि स्टेट हाईवे पीडब्ल्यूडी के दो खंडों के अधीन है।
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022-23 में शासन ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए (पीडब्ल्यूडी) को भारी भरकम बजट उपलब्ध कराया था। जिलेभर की 813.59 किलोमीटर सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए विभाग ने 7 करोड़ 48 लाख 80 हजार रुपये खपा दिए, लेकिन सड़कें अभी भी खस्ताहाल हैं।
स्टेट हाईवे बांदा-बहराइच मार्ग में बांदा सीमा तक सड़क गड्ढा मुक्त करने का जिम्मा दो खंडों को मिला था। इसमें भारी भरकम बजट खपा दिया गया, लेकिन हालात जस के तस हैं। सड़कों के गड्ढे नहीं भरे जा सके। पूरे वित्तीय वर्ष में करोड़ों रुपये धांधली के आरोप लगे हैं। समाजसेवी व सपा नेता सुशील त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि सड़कों की मरम्मत की तरह डिवाइडर निर्माण में भी वित्तीय अनियमितता हुई है।
महाराणा प्रताप चौक से सर्वोदय नगर तक डिवाइडर बनाया ही नहीं गया और 43 लाख रुपये भुगतान हो गया। उन्होंने दावा किया कि विभाग ने वित्तीय अनियमितता स्वीकार की, लेकिन खर्च हो गए लाखों रुपये का पता नहीं लगा।पूरे वित्तीय वर्ष में 813 किलोमीटर की सड़कों की मरम्मत कराई गई है।
कोई वित्तीय अनियमितता नहीं हुई। निवर्तमान डीएम दीपा रंजन की ओर से दो बार कराए गए काम की जांच भी हो चुकी है। अब तक कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई। अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी आरआर मथुरिया ने कहा आरोप बेबुनियाद हैं। फिर भी वह अपने स्तर से भी जांच कराएंगे।