
Nitish Kumar afraid of Chirag Paswan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिवान रैली के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच हुई बातचीत ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने चिराग से पूछा कि क्या वे बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं और किस सीट से। साथ ही उन्होंने चिराग को विधानसभा चुनाव से दूर रहने की सलाह दी। इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या नीतीश, चिराग की बढ़ती सियासी ताकत से सच में चिंतित हैं।
2020 का अनुभव और नई रणनीति
2020 में चिराग पासवान की LJP ने अकेले 137 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए जदयू को भारी नुकसान पहुंचाया था। अब 2025 को लेकर चिराग ने फिर से अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और 243 सीटों पर तैयारी का संकेत दिया है। इसे प्रेशर पॉलिटिक्स माना जा रहा है ताकि एनडीए में अपनी सीटें और प्रभाव बढ़ाया जा सके।
NDA के अंदरूनी असमंजस और नेतृत्व की चुनौती
नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर NDA के भीतर असमंजस है। बीजेपी-जदयू के बीच सीटों का बंटवारा चुनौती बना हुआ है। चिराग की 25-35 सीटों की मांग और नौ सीटों पर जदयू से टकराव संभावित है। उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी जैसे नेता भी असहज महसूस कर रहे हैं।
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निष्कर्ष: डर नहीं, बल्कि रणनीतिक संतुलन
नीतीश कुमार का चिराग को चुनाव न लड़ने की सलाह देना एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। यह डर नहीं बल्कि गठबंधन में संतुलन बनाए रखने और चिराग की महत्वाकांक्षा को नियंत्रित करने की कोशिश है। आगामी चुनाव में चिराग की युवा अपील और नीतीश की सियासी चतुराई आमने-सामने होगी।