पावन खिंड दौड़ को हरी झंडी दिखाते प्रिंसिपल सुनील कुमार नोरोन्हा और कमांडेंट जोगराज
अवधूत भगवान राम पीजी कालेज और संत फ्रांसिस स्कूल अनपरा में आयोजित हुआ पावन खिंड दौड
अनपरा। छत्रपति शिवाजी के 350 वी राज्याभिषेक के मौके पर गुरुवार को अवधूत भगवान राम डिग्री कॉलेज अनपरा और सेंट फ्रांसिस अनपरा में पावन खिंड दौड़ का आयोजन किया गया,जिसमें सैकड़ों छात्र -छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। हाथों में तख्त लिए भारत माता की जय, जय भवानी जय शिवाजी का उद्घोष करते हुए हर हर महादेव का गगन चुम्बी नारे लगाते भारत की दौड़ – पावन खिंड दौड़ के नारों के साथ हम दौड़ेंगे देश के लिए इस उद्देश्य से दौड़ लगाई।
पावन खुद दौड़ के बारे में जानकारी देते हुए संयोजक चंद्रमौली मिश्रा, अजय द्विवेदी,आरपी सिंह,संजय द्विवेदी ने बताया की देश की अस्मिता और स्वाभिमान की रक्षा के लिए छत्रपति शिवाजी ने भरी बरसात में ऊबड़ खाबड़ जंगली रास्तों से रात्रि में 62 किमी की दूरी दौड़ कर पूरी की थी, पावन खिंड नामक स्थान पर 300 मराठा सैनिक बाजीप्रभु देशपांडे के नेतृत्व में मुगलों की 15 हजार सेना से युद्ध करते हुए शहीद हुए थे ।
जबकि मैराथन दौड़ में एथेंस का एक सिपाही सिर्फ सूचना देने के लिए 42 किमी दौड़ा था, ।
मैराथन दौड़ का न तो कोई इतिहास है न ही हमें उससे कोई सीख प्राप्त होती है। जबकि पावन खिंड दौड़ हमारे देश की दौड़ है और उससे देशप्रेम, त्याग और बलिदान की प्रेरणा मिलती है।
यह वर्ष छत्रपति शिवाजी के हिंदवी स्वराज की स्थापना का 350 वा वर्ष है। हम सब गौरवशाली हैं कि दुद्धी से मराठा सेना और वीर शिवाजी के कुछ संदर्भ भी जुड़े हैं। बताते है-छत्रपति शिवाजी महाराज के संदर्भ न सिर्फ छात्र – छात्राओं को प्रेरित करेंगे बल्कि सोनभद्र को भी एक गौरव हासिल होगा , देश के माननीय प्रधानमंत्री ने अभी कुछ माह पहले पंच प्रण के तहत विरासत पर गर्व करने की शपथ पूरे देश को दिलाई थी, गुरुवार को सोनभद्र सबके सहयोग से गौरवशाली ढंग से उसे पूरी करने जा रहा है। अवगत हैं की मराठा सैनिकों और छत्रपति शिवाजी के कुछ संदर्भ दुद्धी से जुड़ते हैं, जहां पूरा देश छत्रपति शिवाजी के हिंदवी स्वराज की स्थापना का 350 वा वर्ष मना रहा है, वहीं सोनभद्र में पावन खिंड दौड़ के आयोजन द्वारा उन स्मृतियों को पुनः ताजा कर जिले को एक नई ऊंचाई देने का भी कार्य किया जा रहा है।विद्यालय के बच्चों का उत्साह व देश भक्ति का जज्बा देखने योग्य रहा। अवधूत भगवान राम पीजी कालेज में हरी झंडी प्राचार्य डा अजय विक्रम सिंह, संजय द्विवेदी, अजय द्विवेदी,अजय सिंह आदि ने दी, जबकि सेंट फ्रांसिस में पावन खिंड दौड़ को हरी झंडी प्रिंसिपल सुनील कुमार नोरोन्हा और कमांडेंट जोगराज और संयोजक अजय द्विवेदी ने दी। प्राचार्य अजय विक्रम सिंह ने पवन खिंड दौर व शिवाजी महाराज के देशभक्ति पर विस्तार पूर्वक बताया। विद्यालय के पूर्व प्राचार्य अजय सिंह, विजय प्रताप सिंह, राजेश कुमार सिंह, जय शंकर पांडेय आमोद पांडेय आदि को भूमिका रही। गौतम बैसवार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, कृष्णा चन्द्र कनौजिया ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया, विक्की झा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। बालिका वर्ग
प्रथम स्थान रोशनी कुमारी
द्वितीय स्थान तमन्ना और तृतीय स्थान
स्नेहा को मिला। उधर सेंट फ्रांसिस में बालक वर्ग में निशांत ने प्रथम, प्रांचल यादव ने द्वितीय और ऋषभ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। बालिका वर्ग में प्रतीक्षा ने प्रथम, अर्पिता ने द्वितीय और आकृति ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्राचार्य ने इस दौड़ को भविष्य में एथलीटों के लिए मील का पत्थर करार दिया। सुनील कुमार, ओपी राय, मनोज फोटो: पावन खिंड दौड़ को हरी झंडी दिखाते प्रिंसिपल सुनील कुमार नोरोन्हा और कमांडेंट जोगराज
छत्रपति शिवाजी महाराज को सच्ची श्रद्धांजलि होगी पावन खिंड दौड़
अवधूत भगवान राम पीजी कालेज और संत फ्रांसिस स्कूल अनपरा में आयोजित हुआ पावन खिंड दौड
अनपरा। छत्रपति शिवाजी के 350 वी राज्याभिषेक के मौके पर गुरुवार को अवधूत भगवान राम डिग्री कॉलेज अनपरा और सेंट फ्रांसिस अनपरा में पावन खिंड दौड़ का आयोजन किया गया,जिसमें सैकड़ों छात्र -छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। हाथों में तख्त लिए भारत माता की जय, जय भवानी जय शिवाजी का उद्घोष करते हुए हर हर महादेव का गगन चुम्बी नारे लगाते भारत की दौड़ – पावन खिंड दौड़ के नारों के साथ हम दौड़ेंगे देश के लिए इस उद्देश्य से दौड़ लगाई।
पावन खुद दौड़ के बारे में जानकारी देते हुए संयोजक चंद्रमौली मिश्रा, आरपी सिंह, अजय द्विवेदी ने बताया की देश की अस्मिता और स्वाभिमान की रक्षा के लिए छत्रपति शिवाजी ने भरी बरसात में ऊबड़ खाबड़ जंगली रास्तों से रात्रि में 62 किमी की दूरी दौड़ कर पूरी की थी, पावन खिंड नामक स्थान पर 300 मराठा सैनिक बाजीप्रभु देशपांडे के नेतृत्व में मुगलों की 15 हजार सेना से युद्ध करते हुए शहीद हुए थे ।
जबकि मैराथन दौड़ में एथेंस का एक सिपाही सिर्फ सूचना देने के लिए 42 किमी दौड़ा था, ।
मैराथन दौड़ का न तो कोई इतिहास है न ही हमें उससे कोई सीख प्राप्त होती है। जबकि पावन खिंड दौड़ हमारे देश की दौड़ है और उससे देशप्रेम, त्याग और बलिदान की प्रेरणा मिलती है।
यह वर्ष छत्रपति शिवाजी के हिंदवी स्वराज की स्थापना का 350 वा वर्ष है। हम सब गौरवशाली हैं कि दुद्धी से मराठा सेना और वीर शिवाजी के कुछ संदर्भ भी जुड़े हैं। बताते है-छत्रपति शिवाजी महाराज के संदर्भ न सिर्फ छात्र – छात्राओं को प्रेरित करेंगे बल्कि सोनभद्र को भी एक गौरव हासिल होगा , देश के माननीय प्रधानमंत्री ने अभी कुछ माह पहले पंच प्रण के तहत विरासत पर गर्व करने की शपथ पूरे देश को दिलाई थी, गुरुवार को सोनभद्र सबके सहयोग से गौरवशाली ढंग से उसे पूरी करने जा रहा है। अवगत हैं की मराठा सैनिकों और छत्रपति शिवाजी के कुछ संदर्भ दुद्धी से जुड़ते हैं, जहां पूरा देश छत्रपति शिवाजी के हिंदवी स्वराज की स्थापना का 350 वा वर्ष मना रहा है, वहीं सोनभद्र में पावन खिंड दौड़ के आयोजन द्वारा उन स्मृतियों को पुनः ताजा कर जिले को एक नई ऊंचाई देने का भी कार्य किया जा रहा है।विद्यालय के बच्चों का उत्साह व देश भक्ति का जज्बा देखने योग्य रहा। अवधूत भगवान राम पीजी कालेज में हरी झंडी प्राचार्य डा अजय विक्रम सिंह, संजय द्विवेदी, अजय सिंह आदि ने दी, जबकि सेंट फ्रांसिस में पावन खिंड दौड़ को हरी झंडी प्रिंसिपल सुनील कुमार नोरोन्हा और कमांडेंट जोगराज ने दी। प्राचार्य अजय विक्रम सिंह ने पवन खिंड दौर व शिवाजी महाराज के देशभक्ति पर विस्तार पूर्वक बताया। विद्यालय के पूर्व प्राचार्य अजय सिंह, विजय प्रताप सिंह, राजेश कुमार सिंह, जय शंकर पांडेय आमोद पांडेय आदि को भूमिका रही। गौतम बैसवार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, कृष्णा चन्द्र कनौजिया ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया, विक्की झा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। बालिका वर्ग
प्रथम स्थान रोशनी कुमारी
द्वितीय स्थान तमन्ना और तृतीय स्थान
स्नेहा को मिला। उधर सेंट फ्रांसिस में बालक वर्ग में निशांत ने प्रथम, प्रांचल यादव ने द्वितीय और ऋषभ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। बालिका वर्ग में प्रतीक्षा ने प्रथम, अर्पिता ने द्वितीय और आकृति ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्राचार्य ने इस दौड़ को भविष्य में एथलीटों के लिए मील का पत्थर करार दिया। सुनील कुमार, ओपी राय, मनोज शर्मा, प्रीति सिंह, एच डी महतो आदि शिक्षकों की भी महत्व पूर्ण भूमिका रही। ।