पुलिस विभाग और विधि दोनों में समन्वय होना चाहिये: डीजीपी

पुलिस मुख्यालय सिग्नेचर बिल्डिंग में पुस्तक विमोचन समारोह का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में विधि संकाय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज के अधिष्ठाता प्रोफेसर जयशंकर सिंह की पुस्तक 1-ड्यूटीज एण्ड रिस्पांसिबिलिटीज आॅफ इन्वेस्टिगेटर 2-द प्रोटेक्शन आॅफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल आॅफेंसेज एक्ट-2012 का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक विजय कुमार रहे ।

पुलिस महानिदेशक द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि पुलिस विभाग और विधि दोनों में समन्वय होना चाहिये। सरकार और विधायिका, विधि का निर्माण करती है। विधि के निर्माण की प्रक्रिया में विधायिका का महत्वपूर्ण स्थान होता है। पुलिस का कर्तव्य यह है कि वह समाज में विधायिका द्वारा बनाये गये विधियों का सम्मान करे और लागू करने का प्रयास करे। पुलिस का प्रमुख दायित्व यह है कि वह समाज में विधि और व्यवस्था को बनाये रखे, इसके लिये यह आवश्यक है कि पुलिस को विधायिका द्वारा बनाये गये विधियों की जानकारी दी जाय। विधायिका द्वारा बनाये गये विधियों का न्यायपालिका व्याख्या करती है। विधि विभागों में विधायिका द्वारा बनाये गये और न्यायपालिका द्वारा व्याख्या किये गये विधियों के विभिन्न आयामों का अध्ययन किया जाता है और शोध किया जाता है।

इस अवसर पर प्रोफेसर जयशंकर सिंह ने कहा कि विधियों पर विधि के जानकार व प्रोफेसर सरल शब्दों में विधायिका के द्वारा बनाये गये और न्यायालयों के ब्याख्या किये गये प्रावधानों को सरल भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास करते है। पुस्तक लेखन में विधायिका के विधियों और न्यायालयों की व्याख्या में एक संतुलन बनाया जाता हैं। उच्च न्यायालय इलाहाबाद के अधिवक्ता अरविन्द त्रिपाठी एवं अधिवक्ता  जेपी राय ने विधि और पुलिस विभाग के मध्य सम्बन्धों व पुलिस विभाग के दायित्वों के विषय पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर पुलिस विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं पुस्तक के प्रकाशक सवेन्द्र सिंह पाल, चेयरमैन सहित विकास पाण्डेय व गोविन्द तिवारी भी उपस्थित रहे।

Show More

Related Articles

Back to top button