नृत्य एक सतत साधना है जिसमे परम आनन्द की अनुभूति होती है-शुभांगी चौहान

शुभांगी चौहान की यूनाइटेड भारत हिंदी दैनिक से खास इन्टरव्यू

संजय द्विवेदी की खास रिपोर्ट

इंदौर मध्यप्रदेश-शुभांगी चौहान किसी के परिचय की मोहताज नही है।राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नृत्य के क्षेत्र में अपने अद्वितीय कला कौशल के बदौलत अपनी पहचान बनाई।आज बच्चे,बूढ़े  ,किशोरियों ,किशोरों एवं नौजवानों के जुबान पे  शुभांगी चौहान का नाम आता है।जो भारत वर्ष के लिये किसी गौरव से कम नही है।शुभांगी चौहान ने यूनाइटेड भारत हिंदी दैनिक से खास इन्टरव्यू में बताया कि नृत्य एक सतत साधना है जिसमे परम आनन्द की अनुभूति होती है।जब नृत्यांगना घुंघरू बांधकर जीवन के उल्लास भर कर नाचने लगती है। राग-रागिनियों में भावों की कलियां मुस्कुराने लगती हैं। परनों-तानों की लय-गतियों में पांव थिरक उठते हैं।

शुभांगी चौहान की यूनाइटेड भारत हिंदी दैनिक से खास इन्टरव्यू

आप कितने साल से डांस सिखा रही हैं?

:. 8 साल से
प्र. नृत्य में पुरस्कार?
: राष्ट्रीय नृत्य पुरस्कार – अखिल भारतीय सांस्कृतिक संघ – यूनेस्को द्वारा

: इंदौर शहर में नृत्य में 13 पुरस्कार जीतना

: क्रम्प पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई क्रम्प पुरस्कार और प्रमाणपत्र

: क्रम्पैक्ट, मुंबई, अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों से क्रम्प सीखने के लिए नृत्य पुरस्कार।

: आरयूआर एलायंस कोर टीम पुरस्कार

: स्टेप अप द्वारा डांसर ऑफ द ईयर का पुरस्कार

प्रश्न- कौन से नृत्य शैली आपने सीखी हैं और सीखती हैं?

उत्तर- मेन क्रम्प, इंडो जैज़, ओल्ड स्कूल हिप-हॉप, ओपन स्ट्रीट स्टाइल सीखे हैं और ये सब ही सीखती हूं।

प्रश्न. नृत्य क्या है?

उत्तर- शुभांगी चौहान का कहना है कि हर इंसान के लिए, हर चीज के अलग-अलग होते हैं, मेरे लिए, नृत्य एक एहसास है, एक ध्यान है, जो आपको ताकत देता है हर मुश्किल का सामना करने की, और जो आपको हमेशा खुशी देता है अकेलेपन में भी ।  नृत्य आपको हर एक भावना को व्यक्त करने का मौका देता है, चाहे प्रार्थना हो, खुशी हो, खुशनसीबी हो, दर्द हो या गुस्सा, आप सब कुछ बयाँ करते हो और ये इतना पवित्र होता है कि सीधा हमें भगवान तक पहुँचाता है !!  और फिर आप मेहसूस करते हो खुद से एक सोल कनेक्शन जो दुनिया की किसी भी भावना से सबसे ऊपर है!  आप सीधे परमात्मा से जुड़े हो, नृत्य वो ताकत है!  जिस प्रकार एक पुजारी निरंतर पूजा करता है भगवान की, ठीक उसी प्रकार की लीन भक्ति नृत्य है।

प्रश्न-नृत्य से क्या लाभ होते हैं?

उत्तर -नृत्य करने में शरीर के संपूर्ण आंगन में गतिशिलता होती है जिसमें रक्त संचार उत्तम प्रकार से होता है और ऑक्सीजन स्तर बढ़ता है।  यह स्फूर्ति बनी रहती है।  कोर्टिसोल नाम का तनाव हार्मोन कम होता है और डोपामाइन और सेराटोनिन हार्मोन बढ़ते हैं जिनसे शरीरिक और मानसिक प्रसन्नता बनी रहती है।
शुभांगी चौहान बताती है कि नृत्य पूरे शरीर को गति प्रदान करता है जिससे मांसपेशियों के हर कोने में रक्त का संचार होता है जिसके परिणामस्वरूप हमारे शरीर के अंदर ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है। इसके अलावा! नृत्य के माध्यम से डोपामाइन और सेराटोनिन के स्तर को बढ़ाकर तनाव हार्मोन “कोर्टिसोल” को कम किया जाता है जो जिम्मेदार हैं  अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए। जब ​​आप नृत्य करते हैं तो पूरा शरीर सक्रिय हो जाता है और इसके अलावा आप वर्तमान क्षण में खुशी महसूस करते हैं।

प्रश्न –दैनिक जीवन और दिनचर्या में नृत्य का प्रभाव?

उत्तर- जो लोग नृत्य को जीवनशैली बनाते हैं वो सामान्य व्यक्तियों की तुलना में अधिक रोग रहित, प्रसन्नचित्त और लम्बी आयु जीते हैं।  जब आप ऐसे लोगों से मिलते हैं तो आपको उनकी सकारात्मक ऊर्जा का एहसास होता है।  नृत्य से नीजी एवं व्यावसायिक जीवन दोनों में ही अनुकूल परिणाम मिलते हैं।

शुभांगी चौहान यूनाइटेड भारत से वार्ता के दौरान बताया कि एक सर्वेक्षण है जो साबित करता है कि जो लोग नृत्य को अपनी जीवनशैली में शामिल करते हैं वे सामान्य लोगों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहते हैं और उनमें प्रतिरक्षा संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। जब आप सार्वजनिक रूप से ऐसे लोगों से मिलते हैं, तो आप एक बिल्कुल अलग आभा और सकारात्मकता का अनुभव करते हैं क्योंकि उन्होंने नृत्य को शामिल कर लिया है  उनकी जीवनशैली पर जो फिर से उनके व्यक्तिगत और कामकाजी जीवन को बहुत सकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है।

Show More

Related Articles

Back to top button