उरई/जालौन। जालौन में वन विभाग की मिलीभगत से हमीरपुर के दबंग खनन माफिया अवैध तरीके से बालू का खनन करने में लगे हुए हैं। इतना ही नहीं माफिया वन विभाग की जमीन के साथ-साथ बेतवा नदी को भी खोखला कर रहे हैं। इसके साथ ही अवैध तरीके से वन विभाग के हरे-भरे पेड़ काटकर परिवहन के लिए रास्ता बनाकर हमीरपुर की जगह जालौन से मौरंग ले जा रहे हैं, जिससे सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का चूना लग रहा है। यह सब होने के बावजूद भी कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मामले में कार्रवाई नहीं कर रहा है।
पूरा मामला जालौन हमीरपुर के बीच से निकली बेतवा नदी का है, जहां पर हमीरपुर जनपद में चंद्रवारी- घुरौली 26/5 खंड का पट्टा एल्पाइन रिसोर्सेज एल.एल.पी को खनन विभाग द्वारा आवंटित किया गया है। यह पट्टा इस कंपनी को उसके खनन क्षेत्र में ही आवंटित है, पर इस पट्टे को संचालित करने वाले हमीरपुर के दबंग मौरंग माफिया अपने खनन क्षेत्र से मौरंग न उठाकर जालौन की सीमा में अवैध तरीके से घुसकर वन विभाग के अधिकारियों से मिलकर अवैध तरीके से मौरंग को उठ ट्रकों में भरवा रहे हैं।
इतना ही नहीं इन माफियाओं ने जालौन हमीरपुर सीमा को जोडऩे वाली बेतवा नदी पर भी अवैध तरीके से पर वाहन परिवहन करने के लिए पुल भी बना लिया है। इस पुल का निर्माण वन विभाग के हरे भरे पेड़ काटकर बनाया गया है, जिससे माफिया बालू के ट्रकों को अवैध तरीके से जालौन की सीमा से बाहर भेज सके। हमीरपर से बालू न ले जाकर बालू माफिया सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का चूना लगाने में लगे हैं।
माफियाओं द्वारा लगातार अवैध पर वाहन किए जाने के बावजूद भी न तो वन विभाग और न ही खनन विभाग इन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई कर रहा है। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उरई में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जालौन में बालू का अवैध खनन किया जाता है। खनन रोकने के लिए सेटेलाइट से निगरानी रखी जायेगी।
यूपी में पिछले 6 साल से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और खनन विभाग की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों में हैं, पर इसके बावजूद अभी तक न तो इन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा रही है, बल्कि बालू माफिया लगातार सक्रिय होकर जालौन में अवैध तरीके से खनन करके उसका अवैध तरीके से परिवहन कर रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार द्वारा इन माफियाओं और माफियाओं के साथ मिलकर अवैध तरीके से खनन और उनका परिवहन करवाने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जायेगी।