राजधानी लखनऊ के यूपी प्रेस क्लब में राजकीय ऑप्टोमेट्रिसट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि नेत्र परीक्षण अधिकारी सर्वेश पाटिल राजकीय सेवाओं में अपनी जन्म तिथि वास्तविक जन्मतिथि से 04 वर्ष कम दिखाकर धोखाधड़ी के आरोपी है, सरकार की नाक नीचे राजधानी लखनऊ के स्वास्थ्य विभाग में तैनात नेत्र परीक्षण अधिकारी जोकि मंडलीय मोबाइल यूनिट लखनऊ में तैनात थे, का स्थानांतरण विगत 30 जून 2023 को महानिदेशक, चिकित्सा स्वाथ्य, उत्तर प्रदेश द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सीतापुर के अधीन माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में किया गया था।
04 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उक्त कर्मी द्वारा अपनी नवीन तैनाती पर आज तक योगदान नहीं दिया गया है शासन में अपनी पैठ व सांठ गांठ के साथ स्वास्थ्य महानिदेशालय के नेत्र अनुभाग के संबंधित पटल सहायक के संरक्षण व मेहरबानी के चलते स्थानान्तरण के 04 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई भी विभागीय / प्रशासनिक कार्रवाई उक्त कर्मी के विरुद्ध नही की गई है। जबकि उक्त कर्मी मेडिकल का बहाना बनाकर रोजाना शासन और स्वास्थ्य महानिदेशालय में विभाग की नाक के नीचे घूमा करता है इसके बावजूद भी शासन की स्थानान्तरण नीति के अनुसार नवीन तैनाती पर कार्यभार ग्रहण ना करने पर की जाने वाली कार्यवाही उक्त संबंधित पटल सहायक की मिलीभगत के चलते अभी तक नहीं हो पाई है बल्कि उसके विपरीत उक्त कर्मी द्वारा अपने स्थानान्तरण को निरस्त कराने में पटल सहायक सहयोगी की ही भूमिका निभा रहा है।
बलिया में बेटे ने माँ को दिया पिस्टल
— Ek Sandesh (@EkSandesh236986) November 7, 2023
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जिस मां ने हाथों में कलम थमाई थी
बड़ा होकर बेटा उसी मां के हाथों में
पिस्टल थमा फायरिंग करवा रहा यह शख्स यथार्थ सिंह हैं,जिसकी हत्या हो गई चर्चित दुबहड बयासी गोलीकांड के एक माह पूर्व का बताया जा रहा #baliya pic.twitter.com/tyfcxijZ6F
सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि श्री पाटिल वर्ष 2019 में, उनकी समय-समय पर अनाधिकृत रूप से बिना बताए लंबी अनुपस्थिति पर रहने व उच्चाधिकारियों के आदेश की खुली अवहेलना जैसे गंभीर आरोपों एवं शासन के द्वारा कठोर दंडात्मक कार्यवाही के स्पष्ट निर्देशों के बाद भी, पटल सहायक द्वारा शासकीय आदेशों का अनुपालन ना करते हुए तथ्यों को दरकिनार कर जांच प्रक्रिया चलने के बाद भी अपेक्षित स्थानान्तरण को अंजाम देकर जनपद बाराबंकी से लखनऊ स्थानान्तरण में सहयोगी की भूमिका निभाते हुए बलरामपुर चिकित्सालय में संबद्ध कर दिया गया था बताते चलें तत्समय कोरोना काल की समाप्ति के उपरांत तत्कालीन अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश द्वारा वर्ष 2022 में संबद्धता समाप्ति के आदेश पर उक्त श्री पाटिल द्वारा संबद्धता के स्थान पर अपनी वास्तविक तैनाती दिखाते हुए मा० उच्च न्यायालय को गुमराह करते हुए झूठा शपथ पत्र दाखिल कर अपने पक्ष में आदेश करा लिए गए थे