राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। चुनाव में चुनावी पर्चे भरे जा चुके है ।भाजपा और कांग्रेस सहित तमाम पार्टियां चुनावी मैदान में एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रही हैं। इस चुनावी समर में सभी दलों के दिग्गज नेता अपना दम दिखा रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दम के सामने सभी बेदम नजर आ रहे हैं। इसकी पुष्टि एनडीटीवी का ओपिनियन पोल भी कर रहा है। इस पोल से पता चलता है कि राजस्थान की जनता पर प्रधानमंत्री मोदी का जादू सर चढ़कर बोल रहा है। केंद्र की सत्ता में आने के साढ़े नौ साल बाद भी प्रधानमंत्री मोदी को जनता का भरपूर प्यार और आशीर्वाद मिल रहा है। आज भी राज्य की बहुसंख्यक आबादी केंद्र सरकार के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट दिखाई दे रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के मामले पर सुनवाई के दौरान काफी सख्त तेवर.सरकारें आपस में एक-दूसरे पर लांंछन लगाने के बजाय मिलकर समाधान ढूंढें.SC ने कहा अब चीजें बर्दाश्त से बाहर हो गई हैं,सरकारों को प्रदूषण के खिलाफ प्रभावी कदम उठाना होगा #SupremeCourtofIndia #AirPollution #DelhiNCR pic.twitter.com/11Y3xTn5Zc
— Ek Sandesh (@EkSandesh236986) November 7, 2023
दरअसल एनडीटीवी ने सीएसडीएस-लेकनीति के साथ मिलकर एक ओपिनियन पोल किया हैउसके अनुसार इसमें जनता का मूड प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के पक्ष में दिखाई दे रहा है। इस ओपिनियन पोल में जब केंद्र सरकार के कामकाज से संबंधित सवाल पूछा गया तो राज्य की 55 प्रतिशत जनता ने जवाब दिया कि वो केंद्र सरकार के काम से पूरी तरह संतुष्ट है। वहीं 24 प्रतिशत ने कहा कि वो सरकार के काम से कुछ हद तक संतुष्ट है, जबकि 8 प्रतिशत ने कहा कि कुछ हद तक असंतुष्ट है। मोटे तौर पर राजस्थान के 79 प्रतिशत जनता को प्रधानमंत्री मोदी से कोई शिकायत नहीं है।
राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री मोदी के नाम के सामने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम बेअसर दिखा दे रहा है। जब जनता से पूछा गया कि आखिर वो इस चुनाव में क्या देखकर वोट करेंगे ? इसके जवाब में 37 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर वोट करेंगे, जबकि 32 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पर वोट करेंगे। 31 प्रतिशत जनता ने कहा कि पार्टी देखकर मतदान करेंगे। वहीं चेहरा देखकर वोट देने के मामले में प्रधानमंत्री मोदी और राहुल के बीच काफी अंतर दिखाई दे रहा है। जहां 13 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा देखकर वोट करेंगे, वहीं 3 प्रतिशत लोगों को राहुल गांधी का चेहरा पसंद आया।
सर्वे में शामिल 45 प्रतिशत महिलाओं ने भाजपा को वोट देने की बात कही, वहीं 39 प्रतिशत ने कांग्रेस के पक्ष में अपनी राय दी। पुरुष मतदाताओं में 43 प्रतिशत भाजपा और 41 प्रतिशत ने कांग्रेस का समर्थन किया है। युवाओं की पहली पसंद भाजपा है। 45 प्रतिशत युवाओं ने भाजपा को वोट देने की बात कही, वहीं 35 प्रतिशत ने कांग्रेस के पक्ष में राय दी। भ्रष्टाचार रोकने के मामले में भी जनता ने मोदी सरकार पर भरोसा जताया है। ओपिनियन पोल में 45 प्रतिशत जनता ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार भ्रष्टाचार रोकने के लिए अच्छा काम कर रही है, जबकि 34 प्रतिशत ने कहा कि राज्य की गहलोत सरकार अच्छा काम कर रही है।
गौरतलब है कि एनडीटीवी-सीएसडीएस लोकनीति सर्वे राज्य की 30 सीटों पर 24 से 30 अक्टूबर के बीच किया गया है। इसका सैंपल साइज 3,032 था। राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों के लिए एक ही चरण में 25 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। दशकों से हर पांच साल पर सरकार बदलने की परंपरा चली आ रही। ऐसे में अशोक गहलोत अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए पूरा जोर लाग रहे हैं, वहीं भाजपा ने भी चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी हैं। लेकिन इस सर्वे से संकेत मिल गया है कि राजस्थान की जनता सरकार बदलने की परंपरा जारी रखने का मूड बना चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमाम चुनौतियों के बावजूद अपनी लगन, मेहनत और समर्पण से ना सिर्फ अपने देश में बल्कि पूरे विश्व में अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया है। उन्होंने अपने साढ़े नौ साल के कार्यकाल में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनकी वजह से देशवासी उन्हें देश का सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री मानते हैं। इसकी पुष्टि मीडिया के सर्वे से भी होती है। इंडिया टुडे मूड ऑफ द नेशन के एक ताजा सर्वे में फिर सामने आया है कि प्रधानमंत्री मोदी पर जनता का भरोसा कायम है। सर्वे में अब तक हुए देश के 14 प्रधानमंत्रियों में से पांच प्रधानमंत्रियों के बारे में लोगों की राय ली गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री की रेस में अन्य प्रधानमंत्रियों से काफी आगे हैं।
पिछले हफ्ते इंडिया टुडे मूड ऑफ द नेशन सर्वे के आंकड़े जारिए किए गए। ये आंकड़े देश के पांच प्रधानमंत्रियों को मिले मतों से संबंधित है। इनमें तीन कांग्रेस के और भाजपा के दो प्रधानमंत्री शामिल है। इनमें भी प्रधानमंत्री मोदी वोट प्रतिशत के मामले में सबसे आगे हैं। सर्वे में मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कुल 43 प्रतिशत वोट मिले हैं। इस सर्वे में दूसरा स्थान इंदिरा गांधी ने हासिल किया है। उन्हें 15 प्रतिशत वोट मिले हैं। इसके बाद 12 प्रतिशत वोट के साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को तीसरा स्थान, 11 प्रतिशत वोट के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चौथा स्थान और 6 प्रतिशत वोट के साथ देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को पांचवां स्थान मिला है।
गौरतलब है कि यह सर्वे 15 जुलाई से 14 अगस्त 2023 के बीच किया गया है। इसमें करीब 13 हजार मतदातओं से ग्राउंड स्तर पर पूछताछ कर उनसे राय ली गई है। साल 2022 के बाद से प्रत्येक 6 महीने पर सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री के बारे में लोगों की राय ली जा रही है। इस सर्वे में मामूली उतार-चढ़ाव के साथ प्रधानमंत्री मोदी लगातार आगे बने हुए हैं। जनवरी 2022 और अगस्त 2023 के बीच हुए चार सर्वे की सूची में प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता बढ़ी है। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस हर मामले में जवाहर लाल नेहरू की मिसाल पेश कर रही है। लेकिन पॉपुलैरिटी ग्राफ के देखे तो पिछले चार सर्वे में उनके ग्राफ में गिरावट होती जा रही है। जवाहरलाल नेहरू को जनवरी 22 में सबसे ज्यादा 9 प्रतिशत वोट मिले थे। अगस्त 2022 में उन्हें 5 प्रतिशत वोट मिले और इस साल जनवरी में भी ये आंकड़ा वही रहा। जबकि इस महीने उन्हें एक प्रतिशत वोट अधिक मिले हैं।
यह भी जानना जरुरी है कि राजस्थान की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में किसे मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है? सर्वे में इस सवाल का जवाब गहलोत के पक्ष में गया। एनडीटीवी ओपिनियन पोल के मुताबिक, 27% लोग एक बार फिर अशोक गहलोत (कांग्रेस ) को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। वहीं, मुख्यमंत्री के रूप में वसुंधरा राजे (भाजपा ) को 14% लोग देखना चाहते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि 15% लोग ऐसे भी हैं, जो भाजपा के किसी अन्य चेहरे को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं। बाबा बालक नाथ (13%), गजेंद्र सिंह शेखावत (6%) और सीपी जोशी (3%) शामिल हैं।वहीं कांग्रेस में दूसरे चेहरे की बात करें तो 9% जनता सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती है। 3-3% जनता गोविंद सिंह डोटासरा और डॉ सीपी जोशी को भी कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानती है।
एनडीटीवी के ओपिनियन पोल के अनुसार, राजस्थान में बेरोजगारी और महंगाई दो सबसे बड़े चुनावी मुद्दे हैं। सर्वे के मुताबिक, बेरोजगारी और कॉस्ट ऑफ लिविंग राजस्थान में वोटर्स के लिए बड़े मुद्दे हैं। गरीबी और विकास की कमी तीसरे और चौथे नंबर पर है। सिर्फ 7% लोग भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा मानते हैं। मतदाताओं का मानना है कि 5 साल में महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी बढ़ी है। 72% लोग मानते हैं कि महंगाई बढ़ गई है, जबकि 54% लोग मानते हैं कि भ्रष्टाचार बढ़ गया है। 40% लोगों का मानना है कि 5 साल में नौकरियां कम हो गई हैं। हालांकि कोविड के दौर में दुनियाभर में लोगों ने नौकरियां खोई।
ईटीजी रिसर्च के साथ टाइम्स नाउ नवभारत सर्वे में दावा किया गया है कि 2024 में भी एक बार फिर मोदी सरकार बनने जा रही है। विपक्षी एकता की ताजा मुहिम के बीच 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर टाइम्स नाउ नवभारत और इटीजी रिसर्च के सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। सर्वे के अनुसार अभी चुनाव हुए तो 543 लोकसभा सीटों में से एनडीए को 296 से 326 सीटें मिल सकती हैं यानी भाजपा एक बार फिर से सत्ता में वापसी कर सकती है। वहीं विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया को 160 से 190 सीटें मिल सकती हैं। सर्वे से साफ है कि तमाम कोशिशों को बावजूद विपक्ष मोदी सरकार को टक्कर देने की स्थिति में नहीं है।