Kamal Nath -प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटै सांसद नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की संभावनाओं पर विराम लग गया। कमलनाथ के साथ बैठक के बाद पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा-कमलनाथ जो कह रहे हैं कि कोई कहीं नहीं जाने वाला। जिन लोगों ने कांग्रेस को वट वृक्ष बनाया है, वो कैसे छोड़ सकते हैं। रोचक बात यह है कि यही सज्जन सिंह वर्मा पिछले सप्ताह मीडिया में बयान देते नजर आए थे कि जहां उनके नेता जाएंगे वे साथ जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा है। वर्मा ने बताया कि कमलनाथ की राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े से बात हुई है। छिंदवाड़ा से कांग्रेस के टिकट पर नकुलनाथ चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले उन्होंने अपने बंगले पर बैठक की, जिसमें प्रदेश के विधायक, पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
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दिल्ली में कमलनाथ के बंगले पर रविवार को तय हुआ कि जय श्रीराम का झंडा सोमवार सुबह हटा दिया गया था, लेकिन दोपहर में फिर लगा दिया गया। इसके पूर्व भाजपा हाईकमान को प्रदेश के नेताओं की ओर से यह फीडबैक मिलने लगा था कि नकुल तक तो ठीक है लेकिन कमलनाथ और उनके समर्थकों को पार्टी में लेने से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा, साथ ही कांग्रेस के हारे हुए नेताओं को भी सत्ता और संगठन में एडजस्ट करना पड़ेगा जिससे नकारात्मक माहौल बनेगा। पहले कमलनाथ कैम्प की ओर से यह खबर भी चलाई जा रही थी कि उनके साथ 23 विधायक भाजपा ज्वाइन करेंगे लेकिन रविवार आते-आते यह स्पष्ट हो गया था कि कुल आठ-दस विधायक ही उनके साथ जा सकते हैं। इन विधायकों से भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह लगातार सम्पर्क में थे। वहीं, शनिवार को जब राहुल गांधी से नाथ की चर्चा हुठ्र तो गांधी ने स्पष्ट कर दिया था कि उनका पूरा परिवार एक ही जगह रहे। इसी दिन भाजपा ने भी अंदरुनी फीडबैक मिलने के बाद सिर्फ बेटे कमलनाथ को प्रदेश को ग्रीन सिग्नल दिया था। उल्लेखनीय है कि भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पिछले हफ्ते दो बार यह स्पष्ट तौर पर कहा था कि बासी फलों की भाजपा में कोई गुंजाइश नहीं है। प्रदेश नेतृत्व ने तय किया है कि कलनाथ को भाजपा में नहीं लेंगे लेकिन केंद्रीय नेतृत्व कोई निर्णय लेता है तो वे उस निर्णय का सम्मान करेंगे।