कुपोषण के खिलाफ डीएम मांदड़ का अभियान बना देश के लिए उदाहरण

बरेली। रामपुर जिले में करीब दो वर्ष से तैनात जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड़ ने स्थानीय खाद्य उत्पादों से तैयार पोषण किट से कुपोषित बच्चों को स्वस्थ बनाने की पहल की। उनका यह अभियान अब देश के लिए एक उदाहरण बन गया है। रामपुर जिले में मार्च 2021 में बतौर जिलाधिकारी तैनात रविन्द्र कुमार मांदड़ ने कुपोषण उन्मूलन के लिए स्‍थानीय स्‍तर पर अभियान शुरू किया। करीब दो वर्षों में ही उनके इस कार्य को विशेष पहचान मिली और शुक्रवार को प्रधानमंत्री द्वारा पुरस्‍कृत किये गये।

शुक्रवार को लोकसेवा दिवस के मौके पर दिल्‍ली में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी से ‘लोक प्रशासन में प्रधानमंत्री के उत्कृष्टता पुरस्कार’ प्राप्त करने के बाद जिलाधिकारी मांदड़ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में पुरस्कार को सभी जनपद वासियों को समर्पित किया। जिलाधिकारी ने कहा ”रामपुर जिले के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है। जिले में कुपोषण उन्मूलन की दिशा में संचालित संवर्धन (वोकल फ़ॉर लोकल) को देश का अत्यन्त गौरवशाली सम्मान मिला है। यह सम्मान सभी जनपद वासियों को समर्पित है।”

मांदड़ ने कहा ” रामपुर ने बीते करीब दो वर्षों से प्रगति के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अमिट पहचान बनाई है और कीर्तिमान स्थापित किया है।” एक अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी रविंद्र ने प्रधानमंत्री के ‘सुपोषित भारत विजन’ से प्रेरणा लेकर जिले में नवाचार की पहल करते हुए संवर्धन-सुपोषित रामपुर नाम से अभियान चलाया। इसके अंतर्गत स्थानीय कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ) के साथ समन्वय कर बच्चों व महिलाओं के लिए पौष्टिक तत्वों से युक्त आहार पोषण किट तैयार करा वितरित कराई गयी। पिछले दो वर्ष में इस अभियान के तहत 5000 से अधिक बच्चों, खून की कमी वाली गर्भवती व धात्री महिलाओं और कुपोषित किशोरियों को सुपोषित किया गया।

रविंद्र की इस पहल से पोषण किट के जरिए जहां किसानों की आय में वृद्धि हुई, वहीं लोगों को कुपोषण के दंश से छुटकारा दिलाने में कामयाबी मिली। जिलाधिकारी के निर्देशन में इस पहल में महती भूमिका निभाने वाले जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि जिले में नवाचार को प्रभावी बनाने में आईसीडीएस, एफपीसी और ग्राम पंचायतों की अहम भूमिका रही। जिले में इंजीनियर अमित वर्मा और उनकी टीम द्वारा संचालित रामपुर कृषक एफपीसी द्वारा स्थानीय जैविक खाद्य उत्पादों और औषधीय गुणों वाली सामग्रियों को समाहित करते हुए पोषण किट तैयार करायी गयी थी। कुमार ने कहा कि रामपुर में जारी इस अभिनव पहल को प्रदेश के 11 जिलों के साथ साथ महाराष्ट्र और तेलंगाना में भी लागू किया गया है।

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