UP NEWS-भ्रष्टाचारियों के काले कारनामे से पानी में बहा 2.29 करोड़ रुपए, चार सेवानिवृत्त अभियंताओं पर दर्ज हुआ मुकदमा

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता के निर्देश पर सहायक अभियंता द्वारा दी गई तहरीर के मुताबिक प्रदेश सरकार ने वर्ष 2007 में रोहिन नदी के वीयर निर्माण परियोजना के लिए 437 लाख रुपये का प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति प्रदान किया था।

UP NEWS-सिंचाई विभाग के चार रिटायर अभियंताओं पर 2.29 करोड़ रुपये की सरकारी धनराशि की क्षति करने का शुक्रवार को महराजगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। शासन के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई है। आरोपितों में दो मुख्य अभियंता गंडक बटुकेश्वर प्रताप सिंह व कृष्णदेव शुक्ल एवं दो अधीक्षण अभियंता अवध कुमार सिंह व दिलीप कुमार दास शामिल हैं। इन पर आरोप है कि स्वीकृत परियोजना को बदलकर नौतनवा क्षेत्र में रोहिन नदी में बैराज का निर्माण कराया जो बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया था। जांच में कई अनियमितताएं मिलने पर शासन से कार्रवाई का निर्देश जारी हुआ था। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता के निर्देश पर सहायक अभियंता द्वारा दी गई तहरीर के मुताबिक प्रदेश सरकार ने वर्ष 2007 में रोहिन नदी के वीयर निर्माण परियोजना के लिए 437 लाख रुपये का प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति प्रदान किया था। मुख्य अभियंता गंडक ने 2008 में वीयर निर्माण के लिए 561.51 लाख रुपये का प्राक्कलन स्वीकृत किया। वीयर निर्माण के लिए अधीक्षण अभियंता को अनुबंध दिया गया। इनके द्वारा स्वीकृत ड्राईंग में वीयर के स्थान पर बैराज के निर्माण का प्रावधान किया गया। उस ड्राईंग के आधार पर बैराज का निर्माण शुरू करा दिया गया। नदी के पानी के डिस्चार्ज के आंकड़ों का सही से आंकलन नहीं किया गया। मृदा परीक्षण का कार्य भी नहीं कराया गया। बिना सक्षम स्तर की स्वीकृति के शासन द्वारा स्वीकृत परियोजना में परिवर्तन कर दिया गया। इससे शासन को 2 करोड़ 29 लाख रुपये की क्षति हुई। इसके लिए जिम्मेदार बटुकेश्वर प्रताप सिंह, लाल डिग्गी सिविल लाइन सुल्तानपुर, कृष्ण देव शुक्ल गोरखपुर के पानापार भैंसा बाजार, अवध कुमार सिंह, शंकरगढ़, प्रयागराज व दिलीप कुमार दास कोलकाता कोतवाली हैं। इस मामले में शासन के अनु सचिव चंद्रभूषण ने प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ को प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराकर अवगत कराने का निर्देश दिया था।

पत्र के मुताबिक तत्कालीन मुख्य अभियंता गंडक केडी शुक्ल से 3 लाख 45 हजार 572 रुपये, तत्कालीन मुख्य अभियंता गंडक बटुकेश्वर प्रताप सिंह से 46 लाख 18 हजार 84 रुपये, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता अवध कुमार सिंह से 32 लाख 15 हजार 312 रुपये व तत्कालीन अधीक्षण अभियंता डीके दास से 17 लाख 48 हजार 244 रुपये वसूली के लिए सक्षम न्यायालय में केस दर्ज कराने का निर्देश दिया है।

*सहायक अभियंता द्वितीय सिंचाई खंड प्रथम की तहरीर पर दो मुख्य अभियंता गंडक व दो अधीक्षण अभियंता के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। विवेचना के आधार अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी।

Show More

Related Articles

Back to top button