लखनऊ। माफिया डॉन अतीक अहमद के गुर्गों अब्दुल कवि ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। राजू पाल हत्याकांड के बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था। पुलिस को लम्बे अरसे से आरोपी की तलाश कर रही थी। पुलिस ने आरोपी पर एक लाख इनाम भी घोषित किया था। 18 साल से फरार आरोपी की तलाश में पुलिस सर्च अभियान चला रही थी, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई थी आज आरोपी ने खुद ही कोर्ट में सरेंडर कर दिया है।
बता दें कि 2004 के अक्टूबर महीने में हुए चुनाव में राजू पाल ने अशरफ को हरा दिया। इसी जीत के साथ राजू पाल अतीक का दुश्मन बन गया। विधायक बनने के 3 महीने बाद 15 जनवरी 2005 में राजू पाल ने पूजा पाल से शादी कर ली। शादी के ठीक 10 दिन बाद 25 जनवरी 2005 में राजू पाल की हत्या कर दी गई। राजू पाल की हत्या के बाद उस वक्त के सपा सांसद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, फरहान, रंजीत पाल, आबिद, गुफरान के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया।
मामले की जांच शुरू कर दी। राजू की हत्या के बाद उपचुनाव में अतीक का भाई विधायक बन गया। फिर साल 2007 और 2012 में उसी सीट से राजू की पत्नी पूजा ने चुनाव जीता। हालांकि 2017 में वो चुनाव हार गईं।पूजा पाल साल 2022 में सपा की टिकट पर कौशांबी की चायल सीट से फिर विधायक बन गईं।
राजू के पक्ष में मुकदमा लड़ते हुए साल 2020 में पूजा ने सीक्रेट तौर पर बृजेश वर्मा नाम के शख्स से शादी कर ली थी। 17 साल बाद भी राजू पाल हत्याकांड पर फैसला नहीं आया है। अब उसके आखिरी गवाह रहे पूजा पाल के चचेरे भाई उमेश पाल की भी हत्या कर दी गई है।
अब तक अतीक अहमद पर दर्जन भर से ज्यादा लूट, अपहरण और हत्या के मामले दर्ज हो चुके थे। 6 से ज्यादा मामले गैंगस्टर एक्ट के थे। राजू पाल हत्याकांड के बाद अतीक के बुरे दिन शुरू हो गए। बसपा की सरकार बनते ही मायावती ने माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया। एक ही दिन में 100 से ज्याद मुकदमे दर्ज किए गए।