
Allahabad High Court News-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गलत वेतन निर्धारण के लिए दोषी करार सहायक उप निरीक्षक पुलिस क्लर्क याची के वेतन से वसूली पर रोक लगा दी है और कहा है जितनी वसूली कर ली गई है वह याचिका के निर्णय की विषयवस्तु होगी।
कोर्ट ने राज्य सरकार से याचिका पर चार हफ्ते में जवाब मांगा है और अगली सुनवाई की तिथि 5अगस्त नियत की है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार की एकलपीठ ने सहारनपुर के कुलतार सिंह राठी की याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता इरफान अहमद मलिक ने बहस की।
इनका कहना है कि याची एस पी कार्यालय हापुड़ में तैनात हैं।जब सहारनपुर में कार्यरत था तो एक पुलिस कर्मी को छठा वेतनमान देने में गलती की। इसमें एक अन्य कर्मचारी धीरेंद्र सिंह भी शामिल था।गलत वेतन निर्धारण के कारण सुरेश चंद्र को 5लाख 46हजार 945रूपये अधिक भुगतान कर दिया गया।अब वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं इसलिए उनसे वसूली नहीं की जा सकती।इसकी प्रारंभिक जांच में दोषी करार देते हुए दोनों कर्मचारियों से वसूली का आदेश दिया गया।याची के वेतन से आधी रकम 2लाख 73हजार 473रूपये की वसूली का आदेश दिया गया।जिसे चुनौती दी गई है।
याची अधिवक्ता का कहना था कि वेतनमान का निर्धारण अधिकारियों के अनुमोदन पर होता है तो उसे ही दोषी मानना उचित नहीं है।बिना विभागीय जांच में दोषी पाये दूसरे कर्मचारी को ग़लत वेतनमान निर्धारण से अधिक भुगतान की केवल उससे वसूली नहीं की जा सकती।याची को वेतनमान निर्धारण से कोई लाभ नहीं हुआ।ऐसा उसने पुलिस की ड्यूटी करते हुए किया है।
कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना।और वसूली पर रोक लगा सरकार से जवाब मांगा है।
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज
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