कार्तिक पूर्णिमा पर हुए समागम में संतोदस सत्संग परिवार के संत सद्गुरु आचार्य श्री ने कहा
परमात्मा अपनी तरफ से दूर नहीं, बस उसे पाने की आप में गहन चाह होनी चाहिए
कार्तिक पूर्णिमा पर संतोदय सत्संग आश्रम के वार्षिक समागम में बही भक्ति रसधार
ब्रह्म नगर स्थित आश्रम पर विभिन्न जिलों से जुटे अनुयायी, देर रात तक चला भंडारा
युनाइटेड भारत सोनभद्र। परमात्मा हर समय हर जगह उपलब्ध है। परमात्मा अपनी तरफ से दूर नहीं, बस उसे पाने की आप में गहन चाह होनी चाहिए। जब तक चाह उत्पन्न नहीं होगी तब तक परमात्म प्राप्ति की राह सुलभ नहीं होगी। ये संदेश संतोदय सत्संग परिवार के संत सद्गुरु आचार्य श्री साहेब सत्येंद्र कुमार सरस्वती ने दिए। कार्तिक पूर्णिमा पर ब्रह्म नगर स्थित आश्रम पर हुए वार्षिक संत समागम में आचार्य श्री ने कहा कि सद्गुरु का मिलना ही सच्चा भाग्योदय है। जब सद्गुरु मिलते हैं तब सहज ही समस्त संशय-भ्रम समाप्त हो जाते हैं और सत्य का बोध हो जाता है।
आचार्य श्री ने कहा कि संसार में हर तरफ काम, दाम और नाम की दौड़भाग है। धन के लिए, मान-मर्यादा के लिए, भोग विलास के लिए श्रम करते रहने को जीवन का उद्देश्य बना लिया गया। जीवन के वास्तविक उद्देश्य को भुला दिया गया है। यह दुर्लभ मानव तन क्यों मिला है और इसे सार्थक कैसे बनाया जाए, इस पर कोई विचार नहीं। आचार्य श्री ने कहा कि जीवन की सार्थकता परमात्म तत्व की प्राप्ति में है। परमात्मा हर समय हर जगह उपलब्ध है लेकिन उसे पाने के लिउ, उसकी अनूभूति के लिए गहन चाह होनी चाहिए। आपको पता हो या न हो लेकिन अब तक आपको वही मिला है जिसको आपने चाहा है। भौतिक वस्तुओं को चाह-चाहकर ही जीवन नीचे गिरता गया। आचार्य श्री ने कहा कि सद्गुरु को कहीं खोजने जाने की जरूरत नहीं। आप में तड़प होनी चाहिए, चाह होनी चाहिए। सद्गुरु स्वयं हाजिर हो जाएंगे। सद्गृरु के मिलने के बाद परमात्मा के मिलने में संशय नहीं रहता। सद्गुरु और परमात्मा एक ही हैं। इससे पहले संत सद्गुरु आचार्य श्री प्रेमनाथ सरस्वती स्फोटायन जी महाराज और वंदनीया माता जी के आरती-पूजन और महामंत्र के पाठ के साथ सत्संग का शुभारंभ हुआ। विभिन्न जिलों से आए अनुयायियों ने भजन-कीर्तन के माध्यम से सत्संग में भक्तिभाव की गंगा बहाई। देर रात तक चले सत्संग समारोह ने भंडारे के साथ विश्राम लिया। संचालन संसप के जनपद प्रमुख तारकेश्वर देव पांडेय ने किया। इस मौके पर स्वामी सच्चिदानंद की गरिमामयी उपस्थिति के साथ सर्वश्री केशव सिंह, राममूर्ति यादव, अनिल मिश्र, मंगला जी, वीरेंद्र शंकर सिंह, हरि शंकर सिंह, रामचंद्र द्विवेदी, बावन साव, राजेश कुमार, सतीश सिंह, उपेंद्र सिंह, संतोष टुन्नू, नागेश्वर देव पांडेय समेत बड़ी संख्या में भक्तजन शामिल हुए।