योगी सरकार ने “हलाल” को किया बैन;हलाल आतंकवाद जिहादवाद को लाभ पहुंचाने का है जरिया

हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर जुटाए जा रहे धन से आतंकवादी संगठनों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फंडिंग की जा रही है

लखनऊ के हजरतगंज में हलाल सर्टिफिकेट देने वाली कुछ कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। शिकायतकर्ता का कहना है कि इससे मिलने वाला पैसा देशविरोधी गतिविधियों में प्रयोग किए जाने की आशंका है। योगी सरकार ने इन कंपनियों पर बैन लगा दिया है।

अब UP में हलाल सर्टिफाइड प्रॉडक्टस का निर्माण, बिक्री और भंडारण अवैध हो गया है। ऐसा पाए जाने पर संबंधित फर्म (व्यक्ति) के खिलाफ औषधि और प्रसाधन सामग्री कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। आरोप है कुछ संस्थाएं हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर पर अवैध कारोबार कर रही हैं। हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर जुटाए जा रहे धन से आतंकवादी संगठनों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फंडिंग की जा रही है। सीएम योगी ने खुद इस फर्जीवाड़े को गंभीरता से लेते हुए इस पर कार्रवाई के आदेश दिए थे।

“हलाल प्रमाण पत्र देने के लिए पूरे देश में अब तक कोई भी संस्था रजिस्टर्ड नहीं है। उनके मुताबिक, हलाल का इस्तेमाल मीट के लिए हुआ करता था। हलाल का मतलब धर्म विशेष के हिसाब से शुद्ध होता है। लेकिन पिछले दिनों इसका प्रयोग सौंदर्य प्रसाधन, चीनी, पिपरमिंट तेल, खाद्य तेलों, रवा और बेकरी उत्पादों पर भी होने लगा है। कुछ देशों में हलाला की बाध्यता के कारण निर्यात के लिए तो इसे ठीक माना जा सकता है। लेकिन, देश में ऐसे प्रमाण पत्र का प्रयोग अवैध है।
प्रमुख सचिव अनीता सिंह, यूपी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग”

भारत में हलाल सर्टिफिकेट देने के लिए कोई आधिकारिक या सरकारी संस्‍था नहीं है। कई निजी कंपनियां और एजेंसियां व्‍यक्तिगत तौर पर कंपनियों को हलाल सर्टिफिकेट मुहैया कराती हैं। इन कंपनियों की वैधता, खासकर मुस्लिम उपभोक्‍ताओं के बीच इनकी पहचान या इस्‍लामी देशों से इनकी मान्‍यता के ऊपर निर्भर है। एक कंपनी हलाल इंडिया अपनी वेबसाइट पर दावा करती है कि वह किसी भी प्रोडक्‍ट को लैब में टेस्टिंग और कई तरह के ऑडिट के बाद ही हलाल सर्टिफिकेट देती है। हलाल इंडिया के सर्टिफिकेट को कतर, यूएई और मलेशिया जैसे इस्‍लामिक देशों में मान्‍यता मिली हुई है। चेन्नै की हलाल इंडिया, दिल्ली की जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट और मुंबई की हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया भी हलाल सर्टिफिकेट बांटती हैं।

हलाल और हराम का मतलब समझिए

हलाल और हराम अरबी शब्द हैं।
हलाल का अर्थ है वैध और हराम का अर्थ-अवैध।
इस्लाम में जिन कार्यों को करने की इजाजत है वे हलाल हैं व जिन पर रोक है उन्हें हराम कहा गया है।
इस्लाम में जिन जानवरों का मांस खाना वैध है उन्हें हलाल की श्रेणी में रखा गया है। बाकी जानवरों का मांस खाना हराम है।
इस्लाम में जानवर को जिबह करने का भी तरीका बताया गया है।
जानवरों को उसी तरीके से जिबह करना हलाल है व इस तरीके से काटे गए जानवर का मांस खाना ही हलाल माना जाता है।

लखनऊ के हजरतगंज थाने में हलाल सर्टिफिकेट देने वाली संस्थाओं के खिलाफ ऐशबाग निवासी शैलेंद्र कुमार शर्मा ने एफआईआर दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि ये संस्थाएं लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। बिना किसी अधिकार के ये हलाल प्रमाण पत्र जारी कर अनुचित लाभ कमा रही हैं। इस धन का इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी तत्वों और आतंकी संगठनों की फंडिग के लिए किया जा रहा है। आरोप यह भी है कि इन कंपनियों से जुड़े लोग वर्ग विशेष को प्रभावित करने के लिए कूटरचित प्रपत्रों का प्रयोग कर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। ये कंपनियां उन उत्पादों (तेल, साबुन, टूथपेस्ट, शहद, मसाले और रवा आदि) के लिए भी हलाल प्रमाण पत्र जारी कर रही हैं, जो शुद्ध शाकाहारी की श्रेणी में आते हैं। जाहिर है कि समुदाय विशेष और उनके उत्पादों के विरुद्ध आपराधिक षड्यंत्र रचा जा रहा है। इसमें प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्थाओं के मालिकों, प्रबंधकों के अलावा कई अन्य लोगों की भी सहभागिता है।

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