नई दिल्ली। खुद को हिंदुस्तान का बेटा बताने वाले कनाडा के प्रसिद्ध लेखक और स्तंभकार तारेक फतेह अब नहीं रहे। लंबे समय तक बीमारी से जूझने के बाद 73 साल की उम्र में सोमवार को तारेक का निधन हो गया। इस बारे में उनकी बेटी ने ट्वीट करके जानकारी दी है।
तारेक फतेह की बेटी नताशा ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘पंजाब का शेर, हिंदुस्तान का बेटा, कनाडा का प्रेमी, सच्चाई का पैरोकार, न्याय के लिए लड़ने वाला, दबे-कुचलों और शोषितों की आवाज तारेक फतेह नहीं रहे। उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी, जो उन्हें जानते और प्यार करते थे।’
बता दें कि 20 नवंबर 1949 को पाकिस्तान के कराची में जन्में तारेक फतेह ने कभी खुद को पाकिस्तानी नहीं माना। वह खुद को हिंदुस्तान का बेटा कहते थे। यही नहीं वह जिहाद, पाकिस्तान की सरकार और पाकिस्तानी सेना के कड़े आलोचक भी रहे। वहीं, तारेक ने कई बार खुले मंच से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े प्रशंसक भी की। 1980 के दशक की शुरुआत में पाकिस्तान से कनाडा गए तारेक ने एक राजनीतिक कार्यकर्ता, पत्रकार और टेलीविजन होस्ट के तौर पर काम किया।