UP NEWS-भ्रष्टाचार की दलदल में डूबता चला जा रहा है तहसील प्रशासन बारा,तहसीलदार के पेशकार का घूस लेने का वीडियो हो रहा है वायरल

UP NEWS-भ्रष्टाचार के जंगल में डूबता जा रहा है तहसील प्रशासन बारा जहां 5 लाख रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं आम है। लोग दबी जुबान से यह कहना शुरू कर दिए हैं कि योगीराज में रिश्वतखोरी बढ़ी है। लेखपाल और पुलिस विभाग के लोग बगैर सुविधा शुल्क के कोई काम नहीं करते जिसका परिणाम यह है कि पीड़ित को बार-बार अधिकारियों का चक्कर लगाना पड़ता है। न्याय के लिए पीड़ित रिश्वत का सहारा लेते हैं परिणाम स्वरूप भ्रष्टाचार बढ़ता ही जा रहा है अभी कुछ दिन पहले फूलपुर में भी रेवेन्यू विभाग की अधिकारी द्वारा घुस लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। इसके पूर्व चौकी प्रभारी श्रृंगवेरपुर आशीष राय को भी सुविधा शुल्क के मामले में एन टी करप्शन टीम ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। कुल मिलाकर तहसील और थानों में भ्रष्टाचार सर चढ़ कर बोल रहा है।

आज जरूरत है किसान नेता स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जैसे शख्सियत की, जो थानों और तहसीलों का भ्रमण कर स्वयं मामले की जांच पड़ताल करें परंतु सत्ता में चौधरी चरण सिंह जैसे नेता भी नहीं रहे। आपको बता दें कि बारा तहसील में भ्रष्टाचार चरम पर खुलेआम 5 लाख का रिश्वत लेते वीडियो में कैद हो गए। तहसीलदार के पेशकार आनंद प्रताप सिंह बारा का इलाके में जमीन के मामले में रिश्वत लेते वीडियो वायरल कर दिया गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो होने से क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। तहसीलदार के पेशकार आनंद प्रताप सिंह का राजस्व की समस्या का समाधान के लिए 5 लाख रुपये घुस लेने का वीडियो सोसल मिडिया पर वायरल हुआ है।

वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि पेशकार आनंद प्रताप सिंह दोनों हाथों से बैग में पैसा डालते दिख रहे हैं। बगल में बैठा व्यक्ति पॉलिथीन में भरा पैसे को पेशकार के हाथों में देता है। जब यह वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल होने लगा तो राजस्व विभाग सहित आला अफसर के पैरों तले जमीन खिसक गया। पेशकार साहब का वीडियो वायरल होने के बाद अब देखना यह है कि प्रशासन इन रिश्वतखोर पेशाकर पर क्या कार्रवाई करते हैं अथवा जांच कर करके कार्रवाई करने के नाम पर मामले को ठंडा बरसे में डाल दिया जाएगा। यूं तो जनपद के मुख्य राजस्व अधिकारी की उदासीनता एवं ढुल मूल नीति के चलते राजस्व कर्मी बेलगाम हो चुके हैं।शिकायत का असर मुख्य राज्य अधिकारी पर भी नहीं पड़ता। मामला जो भी हो हम दर्दी हो या खुदगर्जी यह तो मुख्य राज्य अधिकारी ही बता सकते हैं।

Show More

Related Articles

Back to top button