वाराणसी। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में बुधवार को रायफल क्लब सभागार में संभावित बाढ़ से पूर्व तैयारियों के संबंध में बैठक हुई। जिसमे उन्होंने संभावित बाढ़ की चुनौतियों से निपटने के लिए सभी तैयारी समय पूर्व किए जाने हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ के दौरान पूर्व के जनपदों की क्रिटिकल स्थिति पर बारीक और सतर्क नजर रखा जाय। उन्होंने हरिद्वार और प्रयागराज में गंगा पर नजर रखने के साथ यमुना एवं केन, बेतवा और चंबल पर भी नजर रखने के निर्देश दिए। जिससे कि रिस्पांस टाइम अधिक मिल सके। उन्होंने कहा कि बार के दौरान बाढ़ वाले इलाके में बाढ़ चौकी समय से स्थापित कर लिया जाए।
राहत शिविरों में स्पेस का आकलन अवश्य कर लिया जाए। इसके साथ ही बाढ़ वाले इलाके में पीने के पानी की व्यवस्था एवं कम्युनिटी किचन समय से एक्टिवेट कर दिया जाए। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पशुपालन विभाग को पशुओं के टीकाकरण कराने तथा उनके भूसा आदि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
चिकित्सा विभाग द्वारा एवं नगर निगम द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों को पर्याप्त दवाई, पीने के पानी एवं साफ सफाई आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि चिकित्सा विभाग द्वारा जीवन रक्षक औषधियां, ओआरएस एवं बाढ़ राहत केंद्रों पर आवश्यक स्टाफ की तैनाती समय से की जाए। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत काटे जाने पर सोलर लाइट एवं अन्य वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग एवं एनडीआरएफ को एक बाढ़ राहत के संदर्भ में एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। जिला आपूर्ति विभाग द्वारा बाढ़ राहत केंद्रों पर आवश्यक खाद्य वस्तुओं की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए।
बैठक में अपर जिलाधिकारी राजस्व संजय कुमार, उप जिलाधिकारी सदर, पिंडरा व राजातालाब एवं इसके साथ सिंचाई विभाग के अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।