वाराणसी : ‘पानी नहीं, केवल स्तनपान’ अभियान के अंतर्गत जन जागरूकता गोष्ठी का हुआ आयोजन

वाराणसी। ‘पानी नहीं, केवल स्तनपान’ अभियान के अंतर्गत शनिवार को हरहुआ विकासखंड के बड़ा लालपुर आंगनबाड़ी केंद्र पर जनजागरूकता गोष्ठी हुई। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसके अलावा हरहुआ के ही आयर एवं सिंधौरा आंगनबाड़ी केंद्र पर भी गोष्ठी का आयोजन किया गया।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने गर्भवती व धात्री महिलाओं को बताया कि शिशु के लिए मां का दूध सर्वोपरि एवं सर्वोत्तम आहार है। यह उसका मौलिक अधिकार भी है। शिशु के सर्वांगीण विकास के लिए मां का दूध ही उसका पहला आधार होता है। नवजात को जन्म के एक घंटे के अंदर मां का दूध और छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराने से कई तरह की बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। साथ ही सभी पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है। शिशु को दूध पिलाने से पहले और बाद में साफ-सफाई व स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि छह माह तक बच्चों को पानी नहीं दें सिर्फ मां का दूध पिलाएं। नियमित टीकाकरण, ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस सत्रों के साथ ही एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बैठक, स्वयं सहायता समूह की बैठकों में स्तनपान के महत्व और उसके लाभ को बताया जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष पर्यंत स्तनपान से जुड़ी जनजागरूक गतिविधियों का आयोजन होना चाहिए।

बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) रमेश कुमार यादव ने बताया कि छह माह तक की आयु के शिशु को केवल स्तनपान कराने पर सामान्य रोग जैसे दस्त, निमोनिया आदि के खतरों में कमी लाई जा सकती है। इसके साथ ही बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास भी तेजी से होता है। इस दौरान धात्री महिलाएं संतुलित व स्वास्थ्य आहार का सेवन करें। मोटे अनाज से बने व्यंजन, मौसमी फलों, हरी पत्तेदार सब्जियों आदि को नियमित आहार में शामिल करें।

क्षेत्रीय मुख्य सेविका इंदु यादव ने बताया कि इस कार्यक्रम में 55 गर्भवती व धात्री महिलाओं ने प्रतिभाग किया। ममता (29) ने कहा कि उनके तीन बच्चे हैं। सबसे छोटा पाँच माह का बच्चा है। वह पूरी तरह स्वस्थ व तंदरुस्त है क्योंकि उन्होंने अपने बच्चे को सिर्फ स्तनपान ही कराया है। पानी, घुट्टी, शहद आदि किसी तरल पदार्थों का सेवन नहीं कराया। वह आंगनबाड़ी दीदी की सभी बातों का पालन करती हैं। पूजा (26) ने बताया कि वह चार माह के गर्भ से हैं। आज उन्हें शिशु के जन्म पर पहले घंटे के अंदर माँ का गाढ़ा पीला दूध, छह माह तक सिर्फ स्तनपान, सातवें माह से ऊपरी अर्धठोस आहार और दो वर्ष तक स्तनपान जारी रखने के बारे में विस्तृत जानकारी मिली।

इस अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योति मिश्रा, राधिका देवी, नीरज सिंह, सहायिका मीना देवी, शीला देवी व लाभार्थी महिलाएं मौजूद रहीं।

Show More

Related Articles

Back to top button