Parliament Attack :संसद पर हमले की 22वीं बरसी पर शहीद सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि

Parliament Attack :संसद पर आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी के मौके पर बुधवार को कृतज्ञ राष्ट्र ने हमले में शहीद हुए 9 सुरक्षाकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, पीयूष गोयल, प्रल्हाद जोशी, वी. मुरलीधरन आदि ने पुराने संसद भवन या संविधान सदन के बाहर शहीद सुरक्षाकर्मियों की तस्वीरों पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखा।केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) एक टुकड़ी ने शहीदों को सलामी दी।

इस अवसर पर शहीदों के परिजन भी संसद भवन परिसर में आमंत्रित किए गए थे। धनखड़ और पीएम मोदी ने शहीदों के परिजनों से भेंट कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। वर्ष 2001 में 13 दिसम्बर को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने संसद में घुस कर हमला किया था जिसका मुकाबला करते हुए नौ सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।

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भारत के लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर संसद भवन पर 13 दिसंबर 2001 को हुए आतंकी हमले की आज 22वीं बरसी है। इस अवसर पर संसद भवन परिसर में इस आतंकी हमले के दौरान शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को नमन करने के लिए श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति एवं राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, सोनिया गांधी, कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे और अधीर रंजन चौधरी सहित केंद्रीय मंत्रियों, वर्तमान एवं पूर्व सांसदों ने संसद पर हुए आतंकी हमले के दौरान शहीद सुरक्षाकर्मियों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने इस दौरान आतंकी हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों के परिजनों से भी मुलाकात की। उन्होंने आतंकी हमले के दौरान शहीद सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए अपनी तस्वीर शेयर करते हुए एक्स पर पोस्ट में कहा, “आज हम 2001 में संसद हमले में शहीद हुए बहादुर सुरक्षाकर्मियों को याद करते हैं और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। खतरे के सामने उनका साहस और बलिदान हमारे देश की स्मृति में हमेशा अंकित रहेगा।”

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