लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने दलित समाज को यूपी में बसपा के कमजोर होने संबंधी दुष्प्रचार से होशियार रहने और आम जनता को भी सचेत करने की हिदायत दी। मायावती ने रविवार को बसपा की प्रदेश इकाई के वरिष्ठ पदाधिकारियों और राज्य के सभी 75 जिलों के पार्टी अध्यक्षों की विशेष बैठक में विरोधी पार्टियों पर बसपा को कमजोर करने के लिए दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “विरोधी दल उत्तर प्रदेश में बसपा को कमजोर करने के साथ-साथ दलितों को गुमराह करके उन्हें पार्टी आंदोलन से अलग करने की साजिश रचते हैं और मीडिया के माध्यम से दलित वोट बैंक में दरार पड़ने की विषैली व घिनौनी खबरें प्रचारित व प्रसारित करते रहते हैं। हालांकि, इन खबरों में रत्तीभर भी सच्चाई नहीं होती है।”
मायावती ने कहा, “इसीलिए बहुजन समाज को, खासकर दलित समाज को विरोधी पार्टियों के ऐसे दुष्प्रचार व इसी प्रकार के अन्य हथकंडों से खुद भी सजग रहना है और दूसरों को भी सचेक करते रहना है।” उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा, “सपा की जोड़तोड़ और छलावे की घिनौनी राजनीति चलने वाली नहीं है।
दलित और अति पिछड़े तो पहले से ही सपा से काफी सजग व सतर्क हैं। अब मुस्लिम समाज भी इनके छलावे, बहकावे और झांसे में आने वाला नहीं है।” उन्होंने कहा, “बार-बार धोखा खाने के बाद अब मुस्लिम भी पूरी तरह से समझ गए हैं कि सपा के बल पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है। इसीलिए भाजपा को हराने के लिए बसपा जरूरी है।”
मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी चुनावों की तैयारियों में जुटने की अपील करते हुए कहा, “चुनावों में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और विरोधी पार्टियों के साम, दाम, दंड, भेद जैसे घिनौने हथकंडों से खुद को बचाने के साथ-साथ लोगों को भी बचाने जैसी परिपक्वता के साथ तैयारी करना जरूरी है, ताकि ‘वोट हमारा राज तुम्हारा’ का घिनौना चक्र बंद हो।”
मायावती ने इस बैठक में पार्टी संगठन की मजबूती और प्रदेश के गांव-गांव में पार्टी के जनाधार को कैडर के आधार पर बढ़ाने के दिसंबर 2022 के आखिर में दिए गए कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने उत्तर प्रदेश में नगरीय निकायों के चुनावों को पूरी गंभीरता से लेने और उन पर पूरा ध्यान केंद्रित करने के निर्देश भी दिए।