Lok Sabha election 2024 -भारतीय जनता पार्टी की ओर से कुछ समय पहले मीडिया के चुनिंदा लोगों को यह जानकारी दी गई थी कि फरवरी के पहले हफ्ते में भाजपा के लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची आ जाएगी। यह भी कहा गया था कि मध्य प्रदेश मॉडल पर भाजपा चुनाव की घोषणा से पहले ही उम्मीदवारों की सूची जारी करके विपक्षी पार्टियों को चौंकाने वाली है। यहां तक कहा गया था कि पार्टी ने 160 सीटों पर उम्मीदवारों की छंटनी कर ली है। ये 160 सीटें वो हैं, जहां भाजपा पिछली बार चुनाव लड़ी थी और हारी थी। यानी दूसरे और तीसरे या चौथे स्थान पर रही थी। इसके अलावा इसमें वो सीटें भी शामिल हैं, जो पिछली बार भाजपा दो फीसदी से कम वोट के अंतर से जीती थी। इन सीटों पर नए और मजबूत उम्मीदवार उतारे जाने की चर्चा थी।
लेकिन फरवरी का दूसरा हफ्ता चालू हो गया और अभी तक भाजपा प्रदेश में ही उम्मीदवारों के नामों की छंटनी में लगी है। अब भाजपा की ओर से बताया जा रहा है कि अपने उम्मीदवार तय करने से पहले भाजपा नए सिरे से गठबंधन को मजबूत करने के काम में लग गई है। भाजपा अलग अलग राज्यों में नए गठबंधन सहयोगियों को जोड़ रही है। अगर सहयोगी जुड़ जाते हैं तो फिर उनके साथ सीट बंटवारा करना होगा और उसके बाद ही भाजपा अपने उम्मीदवारों के नाम तय करेगी। लेकिन सवाल है कि जिन राज्यों में भाजपा का गठबंधन पहले से है वहां सीट बंटवारा क्यों नहीं कर रही है भाजपा?
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असल में भाजपा ने कई राज्यों में जान-बूझकर सीट बंटवारा अटकाया है, जिससे उसकी सहयोगी पार्टियां परेशान हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र आदि राज्यों में भाजपा के सहयोगी तय हैं लेकिन अभी पार्टी सीट बंटवारा करने की जल्दी नहीं दिखा रही है। कहा जा रहा है कि भाजपा को अब भी उम्मीद है कि वह कुछ नए सहयोगी जोड़ेगी इसलिए वह सीट बंटवारे की बात नहीं कर रही है। ध्यान रहे एक महीना पहले बिहार के सहयोगी भाजपा नेताओं से मिल रहे थे और सीट बंटवारे की बात कर रहे थे लेकिन अचानक पिछले महीने तस्वीर बदल गई। नीतीश कुमार की वापसी हो गई। अब भी भाजपा को लग रहा है कि विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी गठबंधन में आ सकते हैं। संभवत: इसलिए इंतजार हो रहा है। वैसे कहा यह जा रहा है कि नई सरकार के बहुमत साबित करने के बाद सीट बंटवारा होगा।
इसी तरह उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी अनुप्रिया पटेल, ओमप्रकाश राजभर और संजय निषाद कितने समय से सीट बंटवारे की मांग कर रहे हैं। सभी नेता पिछले कुछ दिनों में अमित शाह और जेपी नड्डा से मिल चुके हैं। लेकिन भाजपा गठबंधन रोके हुए है। इस बीच खबर है कि जयंत चौधरी की रालोद को एनडीए में लाने की बात हो रही है। इस वजह से सीट बंटवारा टल रहा है। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और अजित पवार दोनों जल्दी से जल्दी सीट बंटवारा चाहते हैं लेकिन भाजपा कोई जल्दी नहीं दिखा रही है। क्या उद्धव ठाकरे का इंतजार हो रहा है?