राम रस अमृत महोत्सव कार्यक्रम में चल रहे भब्य श्रीराम कथा के चौथे दिवस महराज श्री रमेश भाई शुक्ला ने भगवान श्रीराम के अवतार की कथा के पश्चात बशिष्ठ मुनि को नामकरण कराने का जब निमन्त्रण मिला तो वे नाच उठे। वशिष्ठ मुनि ने ही ‘राम’का नाम रखा, उन्हों भले ही आभास था कि इनके नाम अनेक है पर चारों भाइयों के रामनाम की ब्याख्या करते हुए कहा कि जिसके दिब्य हाथों से राक्षसों का नास होगा वह राम है। भरत को विश्व भरण करने वाले, विश्णु के अवतार में , शेषनाग के रूप में लक्ष्मण, तथा शत्रुओं का नाश करने वाले शत्रुघ्न का नाम दिया। पहले राम सहित चारों भाइयों का जनेऊ संस्कार हुआ उसके बाद शिक्षा ग्रहण करने अपने गुरु बशिष्ठ के गुरुकुल में अध्ययन करने गये। चौथे दिवस में चल रहे 11 दिवसीय श्री राम कथा के अमृत महोत्सव में राम अवतार कथा श्रवण कराने के पूर्व व्यास पूजन कराया। भगवान के अवतार की कथा के पश्चात बशिष्ठ मुनि को नामकरण कराने का जब निमन्त्रण मिला तो वे नाच उठे। हुए वशिष्ठ मुनि ने ही ‘राम’का नाम रखा, उन्होंने कहा भले ही इनके नाम अनेक है पर चारों भाइयों का नाम रखतें हुए रामनाम की ब्याख्या करते हुए कहा कि जिसके दिब्य हाथों से राक्षसों का नास हो वह राम है।
भरत को विश्व भरण करने वाले, विश्णु के अवतार में , शेषनाग के रूप में लक्ष्मण, तथा शत्रुओं का नाश करने वाले शत्रुघ्न का नाम दिया। पहले राम सहित चारों भाइयों का जनेऊ संस्कार हुआ उसके बाद शिक्षा ग्रहण करने अपने गुरु बशिष्ठ के गुरुकुल में अध्ययन करने गये। राम कथा के मानस मर्मज्ञ पंडित श्री रमेश भाई शुक्ला जी ने राम कथा का रसपान कराते कहा कि समस्त विद्याओं का ग्रहण करते समय भगवान श्री राम मानस के अनुसार ‘प्रात काल उठ के रघुनाथा, माता-पिता गुरु नावहिं माथा, एक सामान्य मानव को संस्कार में रहने की शिक्षा देते हुए ज्ञान का बोध कराया है। जिसे हम सभी को अपने बच्चों में यह संस्कार देने की जरूरत है जो धीरे-धीरे लुप्त होती दिख रही है
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— Ek Sandesh (@EkSandesh236986) September 21, 2023
यह जिम्मेदारी सभी माता-पिता के ऊपर है। चौदह वर्ष के बाद गुरु विश्वामित्र का अयोध्या में आगमन होता है उसके बाद कथा में आगे एमजीएस मैदान स्थित पंडाल में बह रही भक्तिभाव के रसधार में डुबकी लगाई। श्री राम कथा के संयोजक पंडित निर्मल शास्त्री जी ने पंडाल में पहुंचे श्री राम भक्तों का अभिवादन करते हुए कहा 17 सितंबर से चल रहे यह राम कथा सायं 4 बजे से 8 बजे तक प्रतिदिन आगामी 27 सितंबर तक चलेगा। भक्त कथा विसर्जन के बाद पंडाल में भोजन प्रसाद लेकर ही जायें।