Cyber Crime :साइबर ठगी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। स्कैमर्स लोगों को ठगने के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। इन दिनों साइबर ठगों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआइ को ठगी का अपना नया हथियार बना लिया है। इसलिए मामा, जीजा, साला, भाई की आवाज निकालकर साइबर ठग लोगों को चूना लगा रहे हैं। बीते एक सप्ताह के अंदर लखनऊ में ऐसे दो मामले आ चुके है। जिसमें मामा-जीजा की आवाज निकालकर हजारों रुपये ठग लिये। दोनों मामलों की पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विस्तार होने के साथ ही साइबर जालसाजों ने लोगों को ठगने का नया तरीका अपनाया है। अब तक सोशल मीडिया, फेसबुक, इंट्राग्राम व मोबाइल पर ओटीपी समेत अन्य तरीकों से ठगी हो रही थी, लेकिन अब जालसाज एआइ की वॉयस क्लोनिंग टूल की मदद ले रहे हैं।
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यह टूल आपकी आवाज इतने सलीके से नकल करता है कि अपनी व टूल की आवाज में अंतर नहीं कर पाएंगे। इसके लिए साइबर क्रिमिनल सबसे पहले किसी शख्स को ठगी के लिए चुनते हैं। इसके बाद उसकी सोशल मीडिया प्रोफाइल को देखते हैं और उसकी किसी आॅडियो व वीडियो को अपने पास रख लेते हैं। इसके बाद एआई की वॉयस क्लोनिंग टूल की मदद से उसकी आवाज क्लोन करते हैं। फिर उनके परिचित को उसकी आवाज में फोन कर बताया जाता है कि उनका हादसा हो गया है या कोई भी इमरजेंसी स्थिति बताकर ठगी की जा रही है। लखनऊ के गोमतीनगर और हुसैनगंज थाना क्षेत्र में इस तरह से दो लोगों के साथ हजारों रुपये की ठगी हो चुकी है। इन पीड़ितों की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है। यह दो मामले एक उदाहरण के रूप में। बाकी प्रदेश भर में न जाने कितने लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे है। ठगी का शिकार होने के बाद थाने व साइबर क्राइम सेल जाने पर सभी को न्याय नहीं मिल पा रहा है। बस चंद लोगों का पैसा वापस हो रहा है। पुलिस की इसी लापवाही के चलते साइबर ठगों के हौंसले दिनों दिन बुलंद होते जा रहे है।