‘शूर्पणखा’ वाले बयान पर भाजपा नेता विजयवर्गीय को मिला कांग्रेस विधायक का समर्थन, जानें क्या कहा…

भोपाल। ‘‘गंदे कपड़े पहनकर बाहर निकलने वाली लड़कियों के शूर्पणखा लगने’’ संबंधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बयान के विरोध में कांग्रेस ने भले ही आलोचना की हो, लेकिन मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह भाजपा नेता के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मायने में विजयवर्गीय का यह बयान सही है।
पांच बार लोकसभा सदस्य और तीन बार विधायक रहे लक्ष्मण सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं। विजयवर्गीय ने पिछले बुधवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक धार्मिक समारोह में यह विवादास्पद टिप्पणी की थी। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई ने बाद में भोपाल और इंदौर में भाजपा नेता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कहा था कि महिलाओं की तुलना शूर्पणखा से करना अत्यंत अशोभनीय, अनुचित, शर्मनाक और दूषित मानसिकता का परिचायक है। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने रविवार रात को एक ट्वीट में विजयवर्गीय के बयान का समर्थन किया।

उन्होंने कहा, ‘‘कैलाश जी का ‘‘शूर्पणखा’’ वाला वक्तव्य सुना। कुछ मायने में सही है। इंदौर अहिल्या देवी की संस्कार वाली नगरी है। पहनावे पर ध्यान तो रखना चाहिए। परंतु कैलाश भाई आप इंदौर के बेताज बादशाह हो, फिर यह कैसे हो रहा है?’’ लक्ष्मण सिंह 2003 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे और 2009 में भाजपा छोड़ फिर वापस कांग्रेस में चले गये।

कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार रात कहा था, ‘‘मैं रात में जब (बाहर) निकलता हूं और पढ़े-लिखे नौजवानों और बच्चों को (नशे में) झूमते हुए देखता हूं, तो सच में ऐसी इच्छा होती है कि (गाड़ी से) उतरकर इनको पांच-सात लगाकर नशा उतार दूं। मैं भगवान की कसम खाकर कहता हूं। मैं हनुमान जयंती पर झूठ नहीं बोल रहा हूं।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘हम महिलाओं को देवी बोलते हैं, लेकिन लड़कियां भी इतने गंदे कपड़े पहनकर निकलती हैं कि उनमें देवी का स्वरूप ही नहीं दिखता, बिल्कुल शूर्पणखा लगती हैं… सच में।

भगवान ने इतना अच्छा और सुंदर शरीर दिया है… तुम जरा अच्छे कपड़े पहनो यार।’’ गौरतलब है कि भारत के पौराणिक ग्रंथ ‘‘रामायण’’ में शूर्पणखा को लंका के राजा रावण की बहन बताया गया है और कथा के मुताबिक शूर्पणखा के अमर्यादित आचरण को लेकर भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी थी।

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