मेठी। स्वस्थ्य जीवन के लिए पर्यावरण का स्वच्छ रहना अनिवार्य है। इसके लिए हमारे आसपास पेड़ पौधों की अधिकता बेहद जरुरी है। वृक्षों की अंधाधूंध कटाई से पर्यावरण पर इसका बुरा असर पड़ने की संभावना तीव्र हो गयी है। जहां एक ओर हरियाली योजना के तहत सरकार द्वारा चंद सिक्कों के खातिर वृक्षों को काटकर हरियाली खत्म की जा रही है। चंद लोग अपनी निजी आर्थिक लाभ के कारण हरे भरे पौधों को भी काटने से बाज नहीं आ रहे हैं।
विभाग के जिम्मेदारों के सुस्त सिस्टम से क्षेत्र में वृक्षों की कटाई बदस्तूर जारी देखा जा रहा है। विभाग के जिम्मेदारों द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किये जाने से ऐसे लोगों का हौसला बुलंद होता जा रहा है। पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ अभियान के तहत सरकार करोड़ों रुपये पौधे लगाने में खर्च कर रही है। लेकिन वर्षो पुराने लगे पेड़ों की कटाई सरकार के सपनों को चकनाचूर होते देखा जा रहा है। अंधाधूंध हो रही पेड़ों की कटाई से आने जाने में काफी रोष देखा जा रहा है। अगर समय रहते पेड़ों की कटाई पर रोक नहीं लगायी गयी तो वनों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। वृक्षों के इस अंधाधूंध कटाई से जहां एक ओर वातावरण गर्म हो रहा है वहीं प्रदूषण के कारण लोगों को श्वास, आंख,फेफड़ा एंव अन्य बीमारियों से ग्रसित होना पड़ रहा है।
ठेकेदार की मिलीभगत से पेड़ किए जा रहे धराशाई
आए दिन क्षेत्र में कहीं न कहीं हो रहे प्रतिबंधित पेड़ों की कटान को लेकर क्षेत्र सुर्खियों में बना रहता है। बानगी के तौर पर थाना क्षेत्र तेतारपुर के पूरे बसावन में वन माफिया द्वारा गूलर के पेड़ को काटकर धराशाई कर दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार सूत्रों द्वारा विभाग के जिम्मेदारों से सांठगांठ की बात कहीं जा रही है। जिम्मेदारों द्वारा कार्रवाई के नाम मात्र औपचारिकता निभाई देखी जाती हैं। जिस संबंध में वन दरोगा से बातचीत की गई तो उन्होंने टालमटोल करते हुए अपने रेंज क्षेत्र से बाहर होने की बात कही।