नई दिल्ली-एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने निर्यात में कमी और अनियमित बारिश के प्रतिकूल प्रभाव का हवाला देते हुए 2023-24 के लिए भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अपने विकास अनुमान को पहले के अनुमानित 6.4 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया, क्योंकि कम बारिश के कारण कृषि उत्पादन प्रभावित होने का अंदेशा है। हालांकि, एडीबी ने उच्च निजी निवेश और औद्योगिक उत्पादन के दम पर 2024-25 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
रिपोर्ट यह भी बताती है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की है। उसे उम्मीद है कि इस वर्ष के शेष और अगले वर्ष के दौरान सरकारी पूंजीगत व्यय में उपभोक्ता विश्वास में सुधार के साथ मजबूत घरेलू खपत और बड़े पैमाने पर निवेश सहित निवेश से विकास को गति मिलेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है, विकासशील अल नीनो के प्रभाव में मानसूनी वर्षा के कारण मौसम का पैटर्न अनियमित हो गया है, जिसमें कुछ क्षेत्रों में बाढ़ और विशेष रूप से अगस्त में कम बारिश शामिल है।
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— United Bharat (@UnitedBhar37905) September 20, 2023
अनियमित वर्षा पैटर्न के कारण विशेष रूप से चावल की फसल को नुकसान हुआ है और खरीफ सीजन में दालों की बुआई कम हुई है। इसने कृषि क्षेत्र की वृद्धि के अपने अनुमान में लगभग एक प्रतिशत की कटौती की है। एडीबी ने 2023-24 के लिए भारत के लिए अपना मुद्रास्फीति अनुमान भी पिछले 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण जुलाई में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ी, जिससे दक्षिण एशिया की समग्र मुद्रास्फीति दर में वृद्धि हुई। यदि भारत का कृषि उत्पादन कमजोर होता है और चावल निर्यात प्रतिबंध जारी रहता है, तो इससे विकासशील एशिया में खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।