नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कथित तौर पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का केंद्र सरकार पर आरोप लगाने वाली 14 विपक्षी दलों की याचिकायें बुधवार को खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति जी. बी. पारदीवाला की पीठ ने कांग्रेस एवं अन्य दलों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा कि इस मामले में राजनीतिक दलों को आम नागरिकों की अपेक्षा कोई विशेष अधिकार प्राप्त नहीं है।
सिंघवी की दलील, सीजेआई का जवाब
सीजेआई ने कहा कि ‘आप जो गाइडलाइंस चाहते हैं… मैं बताता हूं कि याचिका सुनने में क्या समस्या है। आप कहते हैं कि 7 साल से कम सजा वाले अपराधों में गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए, जबतक ट्रिपल टेस्ट से संतुष्ट न हो। मैं आपको एक आसान उदाहरण देता हूं। यह याचिका वैसे तो नेताओं पर फोकस है, उन्हें कोई इम्यूनिटी नहीं मिली है। वैसे मामले लीजिए जहां शरीर पर हमला नहीं होता। करोड़ों के वित्तीय घोटाले होते हैं। क्या हम कह सकते हैं कि चूंकि इसमें शरीर को नुकसान नहीं हुआ, गिरफ्तार मत कीजिए?’
याचिका दायर करने वालों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आप, राकांपा, शिवसेना (यूबीटी) व अन्य दल शामिल थे। उनका आरोप था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। याचिका में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हालिया छापेमारी का जिक्र किया गया था।