लखनऊ। यूपी एसटीएफ की टीम ने बताया की मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास ने शूटिंग प्रतियोगिता के नाम पर अपने हथियार के लाइसेंस को दिल्ली के फर्जी पते पर ट्रांसफर करवाया है। जांच में पाया गया कि अब्बास अंसारी ने जांच एजेंसियां को गुमराह कर देने के लिए ऐसा किया है। दिल्ली के किशनगढ़ के एक मकान को अब्बास अंसारी ने अपना स्थायी पता बताया था। हालांकि ये घर अब्बास ने किराए पर कुछ समय से लिया था।
मुख्तार अंसारी इंटरनेशनल कॉन्टैक्ट्स के जरिए साल 2012 से शूटिंग के नाम पर विदेशों से आ रहे हथियारों का इस्तेमाल अपने आपराधिक साम्राज्य को आगे बढ़ाने में तो नहीं कर रहा। कहीं लाखों रुपये में दूसरे गैंगस्टर को हथियार बेचने का काम नहीं कर रहा था।
इन दोनों बातों को ध्यान में रखते हुए यूपी पुलिस ने थाना महानगर लखनऊ में एक मुकदमा अब्बास अंसारी के खिलाफ दर्ज किया। इसके बाद ये केस STF को ट्रांसफर हुआ था। अब्बास के खिलाफ 30 आर्म्स एक्ट,और IPC की धारा 419, 420, 467, 468, 471 केस दर्ज है। एसटीएफ ने बताया कि वो इस मामले पर जल्द एक चार्जशीट अब्बास के खिलाफ कोर्ट में दाखिल करेगी।
प्रोफेशनल शूटर है अब्बास अंसारी
मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। अब्बास अंसारी एक प्रोफेशनल शूटर भी है, वो पंजाब राइफल एसोसिएशन के लिए साल 2012 से शूटिंग करता है। अब्बास ने अपने हथियार के लाइसेंस को दिल्ली के एक पते पर तीन साल पहले ट्रांसफर करवा लिया था और इसे अपना स्थायी पता बताया था। यूपी STF जब दिल्ली के दिए पते पर पहुंची तो वहां पता चला कि अब्बास एक-दो बार ही रहने आया है।
अब्बास ने केवल किराए पर ये घर ले रखा था, ताकि वो आर्म्स जांच एजेंसियों की आंख में धूल झोंककर यह साबित कर सके कि वो दिल्ली में रह रहा है। UP STF कि जांच में ये भी सामने आया है कि विदेशों से लगातार अब्बास शूटिंग प्रतियोगिता के नाम पर हथियार भारत मंगवाता था। इसमें से अधिकतर हथियारों का इस्तेमाल शूटिंग प्रतियोगिता में नहीं किया जाता था, जो कि शूटिंग फेडरेशन के नियमों के खिलाफ है।