Mau news: हापुड़ में लेखपाल की संदिग्ध मौत से उबाल, घोसी तहसील में कार्य बहिष्कार, सैकड़ों लेखपालों ने दिया जोरदार धरना

Mau News: हापुड़ जिले में ड्यूटी के दौरान लेखपाल की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर प्रदेश भर के राजस्व कर्मियों में जबरदस्त आक्रोश है। इसी कड़ी में सोमवार को मऊ जनपद की घोसी तहसील में सभी लेखपालों ने पूर्णत: कार्य बहिष्कार करते हुए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। तहसील परिसर में आयोजित इस विरोध कार्यक्रम का नेतृत्व लेखपाल संघ के अध्यक्ष अरविंद कुमार पांडे और मंत्री सौरभ कुमार राय ने किया।

धरने में लेखपालों ने “लेखपाल को न्याय दो”, “राजस्व कर्मियों की सुरक्षा की गारंटी दो” जैसे नारों से तहसील परिसर को गुंजायमान कर दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित चार सूत्रीय मांगों वाला ज्ञापन उपजिलाधिकारी अशोक कुमार सिंह को सौंपा और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को शीघ्रता से नहीं माना गया, तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी रूप लेगा।

धरने में गूंजा आक्रोश, बोले लेखपाल – ये सिर्फ एक मौत नहीं, पूरी व्यवस्था पर सवाल है. धरना स्थल पर लेखपाल मृगेंद्र सिंह ने कहा, “हापुड़ की घटना केवल एक लेखपाल की मौत नहीं, बल्कि उस असंवेदनशील व्यवस्था की पोल खोलती है, जिसमें फील्ड कर्मचारियों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं।”

वहीं, लेखपाल विवेक कुमार सिंह ने कहा, “मृतक को समय पर कोई सुरक्षा नहीं दी गई, और न ही हादसे के बाद सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट कदम सामने आया है। इससे हम सबके मन में गहरा आक्रोश है।”

लेखपाल आशीष यादव ने दो टूक कहा, “यदि सरकार ने इस घटना को हल्के में लिया, तो पूरे प्रदेश में लेखपाल सड़क पर उतरेंगे। आंदोलन की सारी जिम्मेदारी शासन की होगी।”

‘अब नहीं झुकेंगे, अब न्याय चाहिए’: लेखपाल संघ की हुंकार

धरना स्थल पर उपस्थित लेखपालों ने दो मिनट का मौन रखकर मृतक लेखपाल को श्रद्धांजलि दी और फिर एक स्वर में कहा कि अब राजस्व विभाग के कर्मचारियों की सुरक्षा, सम्मान और न्याय को लेकर कोई समझौता नहीं होगा।

लेखपाल संघ के अध्यक्ष अरविंद कुमार पांडे ने कहा, “हम कोई विशेषाधिकार नहीं मांग रहे, केवल एक सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण चाहते हैं। यदि हमारी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो अगला कदम पूरे प्रदेश को झकझोर देगा।”

जानिए क्या हैं लेखपाल संघ की चार सूत्रीय प्रमुख मांगें:

1. मृतक लेखपाल के परिजनों को ₹50 लाख की आर्थिक सहायता तत्काल दी जाए।

2. पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी सेवा में तत्काल नियुक्त किया जाए।

3. घटना की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो।

4. राजस्व विभाग के फील्ड कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए स्थायी नीति बनाई जाए और उन्हें सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।

बड़ी संख्या में लेखपालों की उपस्थिति, सरकार को खुली चेतावनी

धरना स्थल पर संजय दुबे, सुधाकर प्रसाद, विवेक सिंह, शेषनाथ चौहान, रितेश गौड़, कृष्ण शर्मा, जय प्रकाश, राम भवन, अखिलेश, विजय, मनीष, दिनेश, अरुणेंद्र, अजय, मनिंद्र, अमरजीत, विष्णु, गौरव, योगेंद्र, रुद्रप्रताप समेत जिले भर से आए सैकड़ों लेखपाल मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा, जब तक सरकार ठोस कदम नहीं उठाती।

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अब सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी निगाहें

लेखपालों का यह प्रदर्शन राज्य भर में फैलते असंतोष की बानगी भर है। हापुड़ की घटना को लेकर सरकार की गंभीरता, भविष्य में फील्ड कर्मचारियों की सुरक्षा नीति और दोषियों पर कार्रवाई की दिशा तय करेगी कि प्रदेश में राजस्व विभाग का कामकाज सुचारू रूप से आगे चलेगा या फिर एक बड़े आंदोलन की चपेट में आएगा।

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