![Uttarakhand: Woman arrested from Haryana in cyber fraud, links linked to foreign countries](https://unitedbharat.net/wp-content/uploads/2024/12/a6c5eb08971107a8f5bf4d482437df53_1239916188-780x470.jpg)
Uttarakhand: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साइबर थाना कुमाऊं परिक्षेत्र पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश कर एक महिला को हरियाणा से गिरफ्तार किया है। साइबर ठगी के तार पंजाब, हरियाणा, केरल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के साथ विदेशों तक जुड़े हैं। ये आरोपित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग का झांसा देकर पीड़ितों को ठगते थे।अभी जांच में तीन करोड़ 50 लाख रुपये ठगी का मामला प्रकाश में आया है।
नैनीताल निवासी एक पीड़ित ने नवंबर 2024 में शिकायत दर्ज कराई थी कि सितंबर 2024 में व्हाट्सएप पर एक ऑनलाइन ट्रेडिंग बिजनेस का विज्ञापन देखकर उसने निवेश किया था। साइबर ठगाें ने उसके 33 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा कर ठग लिये। इस मामलेकी जांच के लिए टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर हरियाणा के पंचकुला जिले में दबिश देकर मुख्य आरोपित निशा देवी निवासी रेलवे कॉलोनी टिपरा को गिरफ्तार किया। आराेप है कि निशा देवी ने “भगतजी वायर स्ट्रिप कंपनी” नाम से एक फर्जी फर्म बनाकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खाता खोला था। इस खाते में शिकायतकर्ता से 9.52 लाख रुपये की धनराशि ली गई थी। बैंक रिकॉर्ड के अनुसार इस खाते से सितंबर 2024 से नवंबर 2024 तक 3.5 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ) नवनीत सिंह ने बताया कि साइबर अपराध के मामलों में कड़ी कार्रवाई करते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने जनता को सतर्क रहने और किसी भी अज्ञात ऑफर या निवेश योजना में धनराशि लगाने से पहले पूरी जांच करने की सलाह दी है। किसी भी धोखाधड़ी का शिकार होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
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विदेश में बैठे मुख्य साइबर अपराधियों तक भेजते हैं डेटा साइबर थाना पुलिस ने बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का सत्यापन कर डिजिटल साक्ष्य जुटाए। जांच में पाया गया कि आरोपित ने अन्य व्यक्तियों के नाम से फर्जी चालू खाते खोलकर इंटरनेट बैंकिंग किट हासिल की और इन खातों का उपयोग ठगी के लिए किया। ओटीपी और अन्य आवश्यक डेटा को एसएमएस फॉरवर्ड एप्लिकेशन के जरिए विदेश में बैठे मुख्य साइबर अपराधियों तक पहुंचाया गया। जांच में पता चला कि इन फर्जी बैंक खातों के जरिए देश के कई राज्यों में साइबर अपराध किए गए। इनके विरुद्ध उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, केरल व पंजाब में अनेक शिकायतें दर्ज हैं।