रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने हेतु ‘एक वोट एक रोजगार’ आन्दोलन की हुई शुरूआत

सुरभी चतुर्वेदी

वाराणसी।भारत के युवा भीषण बेरोजगारी की समस्या से परेशान होकर गरीबी के समूल नाश के लिए रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने हेतु एक वोट एक रोजगार आन्दोलन की शुरूआत की गई। आंदोलन के संयोजक प्रवीण काशी ने बताया कि “एक वोट एक रोजगार” की बात भारत रोजगार यात्रा के रूप में आज 15 जनवरी, मकर संक्रांति के दिन बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय के गेट से प्रारम्भ हुई, जिसमें बड़ी संख्या में बेरोगजार, छात्र, नौजवान, बुजुर्ग, मजदूर, किसान, छोटे व्यापारी और संविदाकर्मी शामिल हुए। यह यात्रा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से बाबा विश्वनाथ और संकट मोचन मन्दिर में दर्शन कर बनारस के सभी घाटों, कॉलेज, बाजार और गाँवों से होते हुए पूरे भारत वर्ष में जाएगी। भारत रोजगार यात्रा तब तक नहीं रूकेगी जब तक रोजगार को मौलिक अधिकार नहीं बना दिया जाता।
संयोजक प्रवीण काशी ने भारत की नई परिभाषा भारतीय रोजगार तंत्र (भा.र.त.) के रूप में दी तथा भारतीय रोजगार तंत्र का आर्थिक मॉडल कार्यपालिका के अध्यक्ष प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को सौंपने की बात कही उनका कहना है कि रामराज्य, रोजगार को मौलिक अधिकार बनाए बिना संभव नहीं होगा।

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