संजय द्विवेदी यूनाइटेड भारत
- छ्त्रपति शिवाजी के 300 सैनिकों के बलिदान की धरती है पावन खिण्ड
- ध्वज दिखाकर रवाना करेंगे क्रीड़ा भारती के प्रांत प्रमुख व मंत्री
- सोनभद्र आएगी पावन खिण्ड की पवित्र मिट्टी
- छ्त्रपति शिवाजी के किलों और पावन खिण्ड का दौरा करेगा भ्रमण दल
सोनभद्र , क्रीड़ा भारती और शहीद उद्यान ट्रस्ट का एक दल बलिदानियों की भूमि पावन खिण्ड के लिए आज शुक्रवार को रवाना होगा । क्रीड़ा भारती के काशी प्रांत प्रमुख पंकज जी व समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव गोंड भ्रमण दल को ध्वज दिखाकर रवाना करेंगे। इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे ।
भ्रमणदल का नेतृत्व शहीद उद्यान ट्रस्ट के चेयरमैन वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर चतुर्वेदी व यात्रा का संयोजन क्रीड़ा भारती के सनोज तिवारी कर रहे हैं। पांच दिवसीय यात्रा में यह दल वीर शिवाजी के स्मारकों पन्हालगढ़ विशालगढ़ के किले व पावन खिण्ड जाएगा जहां बाजीप्रभु देशपांडे ने 300 सैनिकों के साथ दस हज़ार की मुग़लसेना से संघर्ष करते हुए वीरगति प्राप्त की थी। इन बलिदानियों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए वीर शिवाजी को सुरक्षित विशालगढ़ किले तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त किया था ।
वरिष्ठ पत्रकार भोलानाथ मिश्र ने बताया कि बलिदान की धरती पावन खिण्ड की भूमि की मिट्टी को यदि आज भी जल में मिलाया जाय तो उसका रंग लाल हो जाता है। 300 भारतीय सैनिकों के रक्त से वह पवित्र स्थान पावन खिण्ड के नाम से जाना जाता है। श्री मिश्र ने आगे बताया कि यदि उस स्थान के पत्थर को कान के पास लगाएं तो हर हर महादेव की ध्वनि गुंजित होती है।
शहीद उद्यान के सदस्य शशिभूषण ने बताया कि शहीद उद्यान से पावन खिण्ड तक की यात्रा का उद्देश्य उस मिट्टी को नमन करना है जो बलिदानियों के रक्त से पवित्र हो चुकी है, उल्लेखनीय है कि 13 जुलाई 1660 को पावन खिण्ड का युद्ध हुआ जिसमें 300 सैनिकों का बलिदान हुआ, वहीं स्वतंत्रता संग्राम के दौरान में 1932 में अंग्रेज सिपाहियों ने परासी दुबे , सोनभद्र के बगीचे में घोड़े दौड़ा दिए थे, यद्यपि यहां कोई शहीद नहीं हुआ था, लेकिन उस समय बगीचे की पूरी मिट्टी रक्तरंजित हो उठी थी। क्रीड़ा भारती के काशी प्रांत प्रमुख पंकज जी ने दोनों स्थलों की मिट्टी को नमन योग्य बताते हुए कहा कि हमारा देश त्याग और बलिदान की बुनियाद पर टिका है, इसीलिए इसे कोई डिगा नहीं सकता .
शहीद उद्यान ट्रस्ट के सचिव राकेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पावन खिण्ड और शहीद उद्यान की मिट्टी को चंदन और सुगंध के साथ मिश्रित कर नवम्बर में आयोजित होने वाली दौड़ के प्रतिभागियों को तिलकायित किया जाएगा। श्री त्रिपाठी ने बताया कि मेरी माटी – मेरा देश अभियान का यह एक सार्थक और सन्देशपूर्ण कदम है।
पुणे एयरपोर्ट पर पहुंचते ही ओमकार चौगले, सुनील कुमार व पंकज कुमार के नेतृत्व में सोनभद्र के दल का स्वागत किया जाएगा, फिर सभी लोग कोल्हापुर के लिए प्रस्थान करेंगें। चार सदस्यीय भ्रमण दल 7 सितंबर को वापस आएगा ।