” खादी के जिस लिबास पर दीखते लहू के दाग, खादी के उस लिबास में गाँधी नहीं रहते ”

अखिल भारतीय कवि सम्मलेन संपन्न

अनपरा ( सोनभद्र).भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जयंती के अवसर पर हिंडालको रेणुसागर स्थित पैराडाइज ऑडिटोरियम में आयोजित कवि सम्मलेन अपने श्रृंगार,हास्य व ओज की कविताओं से अपनी अमिट छाप छोड़ गया, कवि सम्मलेन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हिंडालको रेणुसागर पावर डिवीज़न के यूनिट हेड आर पी सिंह,शैलेश विक्रम सिंह व गुलशन तिवारी सहित वरिष्ठ अधिकारियो द्वारा भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री के चित्र पर माल्यार्पण कर वीणावादिनी मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर , दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात कार्यक्रम की शुरुआत हुई ।

कार्यक्रम की शुरुआत वाराणसी से पधारी कोकिल कंठी कवियत्री विभा शुक्ला ने वीणावादिनी मां सरस्वती की बन्दना से किया तत्पश्चात एक से बढ़कर एक भक्ति गीतों से श्रोताओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। इसी क्रम में अवधी के बेताज बादशाह फतेहपुर से पधारे समीर शुक्ला के हास्य व उनके द्वारा प्रस्तुत गीत ” हे मोरे भैया बच के रहना गिरगिट मिलिहै सतरंगा ” स्रोताओ द्वारा खूब सराहा गया। सिलीगुड़ी कोलकाता से पधारे हास्य व्यंगकार करन जैन तथा सारंगगढ़ से आये हास्यकार शशिभूषण सनेही की हास्य व्यंग कविताओं से श्रोता लोट पोट हो गए। अगले पायदान पर रायपुर से पधारे रमेश विश्वाहार ने शृंगार रस के गीतों से श्रोताओ को शृंगार रस में सरोबार कर दिया। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाले संचालक एवं देश राष्ट्रवाद के अग्रिम पंक्ति के कवि कमलेश राजहंस की मार्मिक कविताओं पर श्रोता झूमते हुए खूब वाह वाह किया अंतिम कविता पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि ” खादी के जिस लिबास पर दीखते लहू के दाग, खादी के उस लिबास में गाँधी नहीं रहते ” पर श्रोता भावुक हो गए। सर्व प्रथम कार्यक्रम का सफल सञ्चालन प्रणव सोनी ने किया तथा कार्यक्रम का समापन सभी का आभार व्यक्त करते हुए यूनिट एच आर हेड शैलेश सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से दिशिता महिला मण्डल की अध्यक्षा इन्दु सिंह,विभा शैलेश सिंह ,सपना तिवारी के आलावा मनीष सिंह,संदीप यावले , आशतोष सिंह ,आर सी पांडेय राजेश सैनी ,कर्नल जयदीप मिश्रा, ललित खुराना आदि उपस्थित थे।

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