एसटीएफ यूपी को फर्जी वेबसाइट एवं साफ्टवेयर के माध्यम से कूटरचित जन्म, मृत्यु एवं कोविड वैक्सीन प्रमाण-पत्र बनाने (इन्ही प्रमाण पत्रों के माध्यम से सम्भावित कूट रचित आधार कार्ड, विभिन्न सरकारी योजनाओं का अनाधिकृत तरीके से लाभ लेने व विभिन्न बीमा कम्पनियों से क्लेम लेने में प्रयोग) की सम्पूर्ण भारत में 436 फ्रेंचाइजी देने वाले संगठित गिरोह के मास्टरमाइंड सहित तीन अभियुक्तों को गाजियाबाद से गिरफ्तार कर भारी मात्रा में कूटरचित जन्म प्रमाणपत्र, मृत्यु प्रमाणपत्र व इस कार्य में प्रयुक्त इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद करने में सफलता प्राप्त हुई। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से प्रिंटर, लेमिनेशन मशीन , लैपटॉप , फिंगर , थंब स्कैनर , वेब कैम , 15 मृत्यु जन्म प्रमाण पत्र , समेत कुछ नगदी बरामद किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा विभिन्न जिलों में रहने वालों सॉफ्टवेयर डेवलपर के द्वारा फर्जी वेबसाइटों का संचालन किया जाता था ।
एसटीएफ उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से फर्जी वेबसाइट एवं साफ्टवेयर के माध्यम से कूटरचित जन्म, मृत्यु एवं कोविड वैक्सीन प्रमाण-पत्र बनाने (इन्ही प्रमाण पत्रों के माध्यम से कूट रचित आधार कार्ड, विभिन्न सरकारी योजनाओं का अनाधिकृत तरीके से लाभ लेने व विभिन्न बीमा कम्पनियों से क्लेम लेने में प्रयोग करने हेतु) की सम्पूर्ण भारत में सैकड़ों की संख्या में फ्रेंचाइजी देने वाले संगठित गिरोह के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रहीं थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न टीमों व इकाईयों को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था।
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— Ek Sandesh (@EkSandesh236986) December 1, 2023
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जिसके क्रम में विशाल विक्रम सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ के पर्यवेक्षण मे निरीक्षक संजय सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ मुख्यालय स्थित साइबर टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्रवाई प्रारम्भ की गयी तथा अभिसचूना तन्त्र को सक्रिय किया गया। अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि विभिन्न फर्जी वेबसाइटों व साफ्टवेयर के माध्यम से अनाधिकृत तरीके से कूटरचित जन्म, मृत्यु एवं कोविड वैक्सीन प्रमाण-पत्र बनाने की सम्पूर्ण भारत में सैकडों की संख्या में फ्रेंचाइजी देने वाला एक संगठित गिरोह गाजियाबाद में सक्रिय है।एसटीएफ टीम द्वारा निरीक्षक संजय सिंह के नेतृत्व में उपरोक्त प्रकरण पर तकनीकी एवं मुखबिर के माध्यम से सूचना संकलित करते हुए 30 नवंबर को संगठित गिरोह के मास्टरमाइंड सहित दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई व जिसे शुक्रवार को रियाजुद्वीन गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में गिरोह के मास्टरमाइंड मो. साहिल ने बताया कि हम लोगों का एक संगठित गिरोह है। जिसमें मो. जुबेर, मो. ईदू अन्सारी, मो. अरसद, अनीष अहमद, शहीम अंषारी, इंन्द्रेश यादव, मो. अफाक आलम, विवेक कुमार गुप्ता आदि है। हम लोग द्वारा सरकारी वेबसाइट जिस पर प्रमाणित जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनते है से मिलती जुलती फर्जी व कूटरचित वेबसाइटों का प्रयोग कर कूटरचित व फर्जी जन्म प्रमाण पत्र एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये जाते है। हम लोगों द्वारा विभिन्न राज्यों में रहने वाले साफ्टवेयर डेवलपर द्वारा वेबसाइट संचालित करायी जाती है एवं फ्रेंचाइजी माडल पर दिया जाता है। हम लोगों द्वारा विदेशों से घुसपैठ करने वाले नागरिकों का भी भारतीय जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं, जिसके आधार पर वह व्यक्ति भारतीय निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने के उपरान्त भारत का आधार कार्ड बनवा लेता है। यह प्रमाण पत्र हम लोगों द्वारा लैपटाप एवं डेस्कटाप के माध्यम से बनाये जा रहे है। इस कृत्य से हम लोगों द्वारा अबतक कुल 6575 जन्म प्रमाण पत्र, 224 मृत्यु प्रमाण पत्र एवं 436 फ्रेंचाइजी बनायी जा चुकी है। मो. जुबैर उपरोक्त ने भी पूछताछ में साहिल द्वारा बतायी गयी बातों का समर्थन करते हुए बताया कि हम लोग यह कार्य व्हाटसएप ग्रुप, टेलीग्राम एवं उपरोक्त वेबसाइट के माध्यम से जनता के व्यक्तियों से सम्पर्क कर करते है। शुक्रवार को गिरफ्तार किय गये रियाजुद्वीन से पूछताछ की जा रही है। गिरोह के अन्य सदस्यों की गतिविधियों व उनके द्वारा फर्जी तरीके से बनाये गये जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर सम्भावित बनाये गये आधार कार्ड के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की जा रही है व विभिन्न सरकारी योजनाओं का अनाधिकृत तरीके से लाभ लेने व विभिन्न बीमा कम्पनियों से क्लेम लेने में प्रयोग कूटरचित मृत्यु प्रमाणपत्र के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभाग से जानकारी प्राप्त करते हुए गैंग के अन्य सदस्यों के विरूद्व कडी वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों, सर्वर, फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर व कूटरचित दस्तावेजों का फारेंसिक परीक्षण कराया जायेगा। गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ थाना ट्रोनिका सिटी पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद में आग्रिम कार्रवाई की जा रही है।