Varanasi: गंगा नदी में लक्जरी बंगाल क्रूज चलाने का नाविक समाज ने किया विरोध, ज्ञापन सौंपा

Varanasi: गंगा नदी में गंगा विलास के बाद लक्जरी बंगाल क्रूज चलाये जाने को लेकर नाविकों में आक्रोश बढ़ रहा है। मां गंगा निषादराज सेवा न्यास के बैनर तले नाविक समाज के एक प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था एस चनप्पा के कार्यालय में जाकर उनकों अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।

प्रतिनिधि मंडल में शामिल शंभू साहनी, राकेश साहनी ने बताया कि गंगा में नाव चलाकर नाविक समाज अपने परिवार का भरण पोषण सदियों से करता रहा है। अब हाल के दिनों में कुछ पूंजीपति लोग हम लोगों के आजिविका पालन में बाधा डाल गंगा में लक्जरी क्रूज चलवा कर हमारी सामाजिक व्यवस्था को भी खंडित कर रहे है। कुछ वर्ष पूर्व पहली बार जब गंगा में अलकनंदा क्रूज चलाया गया तो इसके खिलाफ नाविक समाज ने बड़ा आंदोलन किया था। 10 दिन तक नौका संचालन ठप कर नाविक समाज ने एकजुटता दिखाई तो क्रूज को अस्सीघाट से हटाकर सामने घाट ले जाने की बात कही गई। उचित व्यवस्था होने तक क्रूज संचालकों ने 06 माह का समय मांगा था। तो हमलोगों ने अलकनंदा को रविदासघाट पर बांधने की स्वीकृति दी थी। इसके बाद अलकनंदा को हटाया भी नही गया और कई अन्य क्रूज गंगा में चलने लगे। हम लोग सरकार का फरमान मानकर मौन रहे।

Varanasi: also read- Rajgarh: अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक चालक की मौत

नाविक शंभू ने बताया कि दो क्रूज विवेकानंद और मानिकशाह श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में सामान ढोने के लिए लाए गए थे। बाद में इन दोनों क्रूज को रोरोफेरी सर्विस से जोड़ दिया गया। इसको चुनार से मारकंडेय महादेव धाम तक चलाने की बात कही गई। लेकिन ये दोनों क्रूज बनारस में ही चल रहे हैं। इसी बीच आदिकेशव घाट पर एक मिनी क्रूज चलने लगा। इसका नाविक समाज के लोग विरोध कर ही रहे थे कि अब बंगाल क्रूज गंगा में चलने के लिए आ गया। इसे नमो घाट पर खड़ा किया गया है। वह जगह पहले से ही नाविक समाज के लिए नाव बांधने के लिए है। विरोध करने पर बंगाल क्रूज के अफसर कहते हैं कि यहां हमें परमिशन मिला हुआ है। ऐसे में हमारी मांग है कि बंगाल क्रूज को गंगा में चलने से रोक कर इसे हटाया जाय।

Show More

Related Articles

Back to top button