Jammu News-आकाशवाणी जम्मू की भर्ती प्रक्रिया में खामियां: डोगरी भाषा के प्रतिनिधित्व पर संकट

Jammu News-डोगरी भाषा डोगरा समुदाय की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान की आधारशिला है, और इसका प्रतिनिधित्व मीडिया तथा प्रशासन में पूरे सम्मान के साथ किया जाना चाहिए। लेकिन, आकाशवाणी जम्मू के क्षेत्रीय समाचार इकाई (RNU) में “संपादकीय कार्यकारी/समाचार वाचक सह अनुवादक (डोगरी)” पद के लिए 2024 की भर्ती प्रक्रिया में आई अनियमितताओं ने इस भाषा के भविष्य पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं।

सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इस भर्ती प्रक्रिया के महत्वपूर्ण चरणों, जैसे स्वर परीक्षा (Voice Test) और साक्षात्कार (Interview), का संचालन अनुबंधित कर्मचारियों द्वारा किया गया। इसमें जगमोहन शर्मा और विजय बजाज की भूमिका पर विशेष रूप से सवाल उठ रहे हैं। इन परीक्षाओं में सफल उम्मीदवारों को डोगरी भाषा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होती है, लेकिन जब खुद चयन प्रक्रिया ही पारदर्शी न हो, तो भाषा के भविष्य को लेकर संदेह उठना स्वाभाविक है। अनुबंधित कर्मचारियों को इतने महत्वपूर्ण निर्णय लेने का अधिकार नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे निष्पक्षता और वस्तुनिष्ठता पर प्रश्न खड़े होते हैं।

read also-Prayagraj News-प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से पंचायत उद्योग की जमीन पर दर्जनों लोगों ने किया अवैध कब्जा

इसके अलावा, एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जवाब में यह खुलासा हुआ कि जगमोहन शर्मा, जो साक्षात्कार पैनल का हिस्सा थे, उन्होंने मोहम्मद यासीन के साक्षात्कार में भाग नहीं लिया। जब पैनल के सदस्यों की भूमिका चयनात्मक हो और कुछ उम्मीदवारों के लिए प्रक्रिया अलग हो, तो भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता पर संदेह पैदा होना स्वाभाविक है।

सबसे अधिक चिंताजनक बात यह है कि प्रतिष्ठित डोगरी विदुषी प्रो. वीणा गुप्ता की भूमिका लिखित परीक्षा के निर्माण में बहुत सीमित रही। जबकि उनकी विद्वत्ता और डोगरी भाषा में योगदान अप्रश्ननीय हैं, यह समझना कठिन है कि उनकी विशेषज्ञता को पूरी तरह से क्यों नहीं अपनाया गया। इसके अलावा, अन्य प्रतिष्ठित डोगरी विद्वानों की अनुपस्थिति भी इस पूरी प्रक्रिया में संस्थागत प्रतिबद्धता की कमी को दर्शाती है।

यह मामला तब सामने आया जब मोहम्मद यासीन, जो संस्कृति कार्यकर्ता हैं और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से राष्ट्रीय छात्रवृत्ति एवं फैलोशिप प्राप्त कर चुके हैं, ने इस भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं को उजागर करने के लिए एक आरटीआई (संख्या: PRBHA/R/E/24/01019, दिनांक 11 दिसंबर 2024) दायर की। उन्होंने यह कदम क्षेत्रीय समाचार इकाई के सहायक निदेशक गुलशन रैना के सुझाव पर उठाया और प्रसार भारती के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस मामले से अवगत कराया।

मोहम्मद यासीन ने आरटीआई के माध्यम से इन अनियमितताओं को उजागर करते हुए एक पारदर्शी समीक्षा की मांग की है। यह मामला केवल एक दोषपूर्ण भर्ती प्रक्रिया का नहीं है, बल्कि यह डोगरी भाषा के अस्तित्व और उसकी समृद्धि से भी जुड़ा हुआ है।

हम प्रसार भारती से आग्रह करते हैं कि वे इस मामले की निष्पक्ष समीक्षा करें, भर्ती प्रक्रिया में सुधार लाएँ और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में डोगरी भाषा के पदों के लिए होने वाली भर्तियाँ पारदर्शी, निष्पक्ष और विशेषज्ञों की संलिप्तता के साथ संपन्न हों।

Show More

Related Articles

Back to top button