Discussion on AI and Robotics: मुख्यमंत्री सीएम योगी ने किया तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का उद्घाटन

Discussion on AI and Robotics: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस (UPSIFS) में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया और 75 जिलों के लिए अत्याधुनिक फोरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

आधुनिक तकनीकों का उद्घाटन और वितरण

मुख्यमंत्री ने तरकश ड्रोन और रोबोटिक्स लैब, पद्मश्री डॉ. लालजी सिंह एडवांस्ड डीएनए डायग्नोस्टिक सेंटर, और अटल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। इसके साथ ही, उन्होंने प्रदेश के 75 जिलों के लिए तकनीक से लैस फोरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने संस्थान के मेधावी छात्रों को टैबलेट भी वितरित किए।

विकास और ज्ञान पर मुख्यमंत्री का संबोधन

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सेमिनार हमारे प्राचीन परंपराओं का हिस्सा हैं, जहां मंथन से महत्वपूर्ण तथ्य सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि एआई (AI) और रोबोटिक्स जैसी आधुनिक तकनीकों का मंथन करके ही देश के विकास में सहयोग करना संभव है। उन्होंने 2017 के बाद से राज्य में फोरेंसिक लैबों की संख्या 4 से बढ़कर 12 होने और 6 नई लैबों के निर्माणाधीन होने की जानकारी दी। इसके अलावा, उन्होंने 1587 साइबर थानों और साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना का भी उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति और पुलिस के सशक्तिकरण से अपराधी अब उत्तर प्रदेश में अपराध करने से डरते हैं।

पुलिस और तकनीकी आत्मनिर्भरता पर विशेषज्ञों की राय

  • डीजीपी राजीव कृष्णा: उन्होंने कहा कि यूपीएसआईएफएस फोरेंसिक के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। उन्होंने बताया कि 2022 से अब तक, राज्य की प्रयोगशालाओं ने 16,255 मामलों की जांच की है, जिनमें से 15,105 मामलों में फिंगरप्रिंट से संबंधित प्रकरणों को हल किया गया है।
  • अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह: उन्होंने भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा कि भारत अब विदेशी तकनीकी उत्पादों पर निर्भर नहीं रहना चाहता है। उन्होंने भारतीय डेटा पर प्रशिक्षित एआई मॉडल और साइबर सुरक्षा के लिए फोरेंसिक लैबों की आवश्यकता पर बल दिया।
  • निदेशक डॉ. जी.के. गोस्वामी: उन्होंने कहा कि वर्तमान समय डिजिटल डायग्नोस्टिक्स और डिजिटल फॉरेंसिक का है। उन्होंने “फोरेंसिक एज ए सर्विस” की अवधारणा प्रस्तुत की, जिसके माध्यम से न्याय-प्रक्रिया और वैश्विक सुरक्षा को एक नए स्तर पर ले जाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि संस्थान में प्रवेश केवल राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के आधार पर होता है, जिसकी कट-ऑफ 92% तक रही है।

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इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक श्री नवीन अरोरा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम में कई अन्य विशेषज्ञों और अधिकारियों ने भी अपने विचार साझा किए।

रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज

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