
Maulana Shamsul Huda. पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामी से जुड़ाव के आरोपों में लंदन निवासी मौलाना शमशुल हुदा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यूपी एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि उसने विदेशी फंडिंग के जरिए संत कबीर नगर में 4 करोड़ रुपये से अधिक की रकम भेजी, जिसके बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी जांच शुरू कर दी है।
शमशुल हुदा मूल रूप से संत कबीर नगर के खलीलाबाद का रहने वाला है। जांच में सामने आया है कि वह दावत-ए-इस्लामी के कहने पर कई देशों में आयोजित धार्मिक जलसों में शामिल होता रहा है। सोशल मीडिया पर उसकी इस संगठन के नेताओं के साथ बैठकों और जलसों की तस्वीरें व वीडियो भी सामने आए हैं।
सबसे गंभीर खुलासा यह है कि 5 अगस्त 2025 को साउथ अफ्रीका के प्रिटोरिया में हुई दावत-ए-इस्लामी की बैठक में जब ‘फ्री कश्मीर’ के नारे लगे, तब शमशुल हुदा भी उसी मंच पर मौजूद था।
गौरतलब है कि दावत-ए-इस्लामी वही संगठन है, जिसके सदस्यों का नाम राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल हत्याकांड में सामने आया था। अब इसी संगठन से जुड़े शमशुल हुदा पर विदेशी फंडिंग और अवैध संपत्ति के गंभीर आरोप हैं।
एटीएस को मिले सबूत
एटीएस को जांच में विदेशी मुद्रा अधिनियम के उल्लंघन के सबूत मिले हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि शमशुल हुदा ने लंदन में रहते हुए अपने परिवार के नाम पर खलीलाबाद में कई कीमती प्रॉपर्टी खरीदीं। उसके बेटे द्वारा संचालित मदरसे को भी संदिग्ध फंडिंग मिलने की बात सामने आई है।
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मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी फंडिंग के पहलू से जांच शुरू कर दी है। एजेंसियां अब इस बात की तहकीकात कर रही हैं कि पाकिस्तान से जुड़े संगठन का पैसा भारत में किस चैनल से पहुंचाया गया।



