
Prayagraj: उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और प्रयागराज शहर दक्षिणी से विधायक नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ का पुनर्प्राप्त जन्मोत्सव 12 जुलाई को पूरे प्रदेश में ‘व्यापारी साहस दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन प्रदेश के विभिन्न जिलों में व्यापारी, उद्यमी और समर्थक विविध कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे, जिनमें शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक, पूजन, अर्चन, भंडारा व सेवा कार्य शामिल हैं।
बहादुरगंज स्थित प्राचीन मंदिर में होगा मुख्य आयोजन
प्रयागराज के बहादुरगंज स्थित प्राचीन मनोकामनापूर्ति शिव मंदिर में सुबह 10 बजे रुद्राभिषेक पूजन और भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में व्यापारी, उद्यमी, भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक शामिल होकर मंत्री नन्दी की दीर्घायु और स्वास्थ्य की कामना करेंगे।
गुंडा टैक्स के खिलाफ आवाज उठाने पर हुआ था जानलेवा हमला
कैबिनेट मंत्री नन्दी ने वर्ष 2007 में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद व्यापारियों, उद्यमियों और वैश्य समाज के अधिकारों के लिए मुखर होकर आवाज उठाई थी। उन्होंने गुंडा टैक्स, माफिया और अवैध वसूली के खिलाफ संघर्ष छेड़ा था।
इसी विरोध के चलते 12 जुलाई 2010 को बहादुरगंज की गली में मंत्री नन्दी पर आरडीएक्स रिमोट बम से जानलेवा हमला किया गया। इस विस्फोट में एक सुरक्षा कर्मी और एक पत्रकार की मौत हो गई थी जबकि मंत्री नन्दी गंभीर रूप से घायल हुए थे। यह हमला उस समय हुआ जब वे प्रत्येक दिन की भांति शिव मंदिर में जल चढ़ाने जा रहे थे।
व्यापारियों और उद्यमियों के हर सुख-दुख में सहभागी रहते हैं मंत्री नन्दी
मंत्री नन्दी को व्यापारियों और उद्यमियों के सुख-दुख का भागीदार माना जाता है। चाहे प्रयागराज, झांसी, शामली, नोएडा, कानपुर, पंचकूला या मऊरानीपुर हो – उन्होंने जहां कहीं भी व्यापारियों पर अत्याचार देखा, वहां पहुंचकर मदद की।
कानपुर में मंडी में आग लगने से मारे गए व्यापारी की पत्नी को उन्होंने अपनी बहन मानते हुए ₹10,000 की मासिक सहायता देना शुरू किया, जो आज भी जारी है।
अपने अनुभव के बल पर औद्योगिक विकास को दे रहे गति
एक व्यापारी और उद्यमी पृष्ठभूमि से आने वाले मंत्री नन्दी आज बतौर औद्योगिक विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में योगदान दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश को भारत के विकास इंजन में बदलने की दिशा में उनका प्रयास सराहनीय माना जा रहा है।
संघर्षों से भरा रहा मंत्री नन्दी का जीवन
23 अप्रैल 1974 को बहादुरगंज, प्रयागराज में जन्मे नन्दी का जीवन शुरू से संघर्षों से भरा रहा। पिता सुरेश चंद्र डाक विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे और मां विमला देवी घर में सिलाई-बुनाई कर परिवार चलाती थीं। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने साहस, संघर्ष और सेवा के बल पर खुद को राजनीति में स्थापित किया।
वह तीन बार विधायक और तीन बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, और आज वैश्य समाज की एक मजबूत आवाज के रूप में जाने जाते हैं।
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज