
villagers make diverson-खूंटी-तोरपा-कोलेबिरा मुख्य मार्ग पर पेलौल गांव के पास बनई नदी की पुल के ध्वस्त हुए 80 दिन बीत चुके हैं। बावजूद अब तक शासन प्रशासन की ओर से नया पुल या डायवर्सन बनाने के लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। इस स्थिति से परेशान ग्रामीणों ने सोमवार को श्रमदान कर ध्वस्त पुल के बगल में अस्थाई डायवर्सन बना लिया।
उल्लेखनीय है कि गत 19 जून को भारी वर्षा के कारण बनई नदी का पुल ध्वस्त हो जाने के बाद पेलोल, बिचना, अंगराबारी, कुंजला सहित आसपास अनेक गांवों के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे खेती किसानी के साथ ही ग्रामीणों के रोजगार पर जहां बुरा असर पड़ रहा है, वहीं बच्चों को स्कूल आने जाने में भी रोज परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अपनी रोजमर्रा की परेशानियों से तंग आकर ग्रामीणों ने एकजुट होकर श्रमदान कर अस्थाई डायवर्सन बनाने का निर्णय लिया।
इसी के तहत सोमवार सुबह आसपास गांव के सैकड़ों ग्रामीण जुटे और बोलडर, बालू, मिट्टी, सीमेंट डालकर अस्थायी डायवर्सन बना लिया। डायवर्सन का निर्माण इस तरीके से किया गया है कि अब वहां से बाइक भी आसानी से निकल सकती है। ग्रामीणों ने कहा कि वे अगले तीन-चार दिनों में फिर श्रमदान करेंगे और एक डायवर्सन बनायेंगे।
श्रमदान करने वालों में आम ग्रामीणों के साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो )के कई स्थानीय नेता भी शामिल हुए। श्रमदान में झामुमो केंद्रीय सदस्य मगन मंजीत तिडू, प्रखंड अध्यक्ष नंदराम मुंडा, प्रखंड सचिव महेंद्र सिंह मुंडा, कोषाध्यक्ष सोमा तिड़ू, युवा मोर्चा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष विजय संगा, कर्रा के पूर्व प्रखंड उपाध्यक्ष जोनसन होरो, चार्ल्स पाहन, हलन टोपनो, विक्की श्रीवास्तव, रेला भेंगरा, बबलू नाग, सहाय टुटी सहित अन्य ग्रामीण शमिल थे।
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