
VB-G RAM G Bill. लोकसभा ने गुरुवार को विपक्ष के तीखे विरोध के बीच विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G बिल को मंजूरी दे दी। सरकार का कहना है कि यह नया कानून ग्रामीण विकास को गति देने के साथ-साथ पारदर्शिता, जवाबदेही और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करेगा। यह विधेयक यूपीए सरकार के कार्यकाल में लागू मनरेगा (MGNREGA) की जगह लेगा।
सरकार के अनुसार, VB-G RAM G बिल के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अकुशल श्रमिकों को हर वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के वैधानिक रोजगार की गारंटी दी जाएगी, जो मनरेगा में 100 दिनों तक सीमित थी। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों और ग्राम सभाओं को यह तय करने का अधिकार होगा कि उनके क्षेत्र में कौन-से विकास कार्य किए जाएंगे।
सरकार का दावा : गांवों के समग्र विकास की दिशा में कदम
कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह कानून गांवों के समग्र विकास को सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य हर गरीब को सम्मानजनक रोजगार देना, महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करना है।
मंत्री के अनुसार, यह योजना जल सुरक्षा, सिंचाई, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, आजीविका से जुड़े संसाधनों और आपदा प्रबंधन से संबंधित कार्यों पर विशेष ध्यान देगी। सरकार ने इसे ‘विकसित भारत विजन’ के अनुरूप बताया।
विपक्ष का आरोप: राज्यों पर बढ़ेगा बोझ
विपक्षी दलों ने इस बिल का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह पहल मनरेगा को कमजोर करने और महात्मा गांधी के नाम को हटाने का प्रयास है। विपक्ष का आरोप है कि नई व्यवस्था में राज्यों पर अधिक वित्तीय बोझ डाला गया है, जिससे रोजगार गारंटी योजना धीरे-धीरे अप्रभावी हो सकती है।
मनरेगा बनाम VB-G RAM G बिल
सरकार का कहना है कि मनरेगा में भ्रष्टाचार और फंड के दुरुपयोग की शिकायतें थीं। वहीं, नया कानून कई अहम बदलावों के साथ लाया गया है।
VB-G RAM G बिल के तहत योजना अब डिमांड-ड्रिवन के बजाय सप्लाई-ड्रिवन मॉडल पर आधारित होगी, जिसमें खर्च की सीमा तय रहेगी। अतिरिक्त खर्च की जिम्मेदारी राज्यों पर होगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए **95,000 करोड़ रुपये** का प्रावधान किया है।
जहां मनरेगा में केंद्र सरकार मजदूरी का 100% और सामग्री लागत का 75% वहन करती थी, वहीं नई योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) के रूप में लागू होगी। इसके तहत सामान्य राज्यों को 40% और उत्तर-पूर्वी व हिमालयी राज्यों को 10% लागत वहन करनी होगी।
खेती के मौसम में 60 दिन का अनिवार्य ब्रेक
नई योजना में खेती के पीक बुवाई और कटाई के मौसम के दौरान 60 दिन के अनिवार्य ब्रेक का भी प्रावधान है, ताकि कृषि मजदूरों की उपलब्धता प्रभावित न हो।
चार प्राथमिकता वाले क्षेत्र
VB-G RAM G योजना को चार प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित किया गया है-
जल सुरक्षा : सिंचाई, भूजल रिचार्ज
ग्रामीण बुनियादी ढांचा : सड़कें, स्कूल, सार्वजनिक भवन, स्वच्छता
आजीविका आधारित ढांचा : कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन
अत्यधिक मौसम घटनाएं : आपदा प्रबंधन, तटबंध, बाढ़ नियंत्रण
इसके अलावा, यदि तय समय-सीमा में काम नहीं मिलता है तो पात्र लाभार्थियों को राज्य सरकारों द्वारा बेरोजगारी भत्ता दिए जाने का भी प्रावधान रखा गया है।
यह भी पढ़ें – भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा झटका, 2017 सहारनपुर दंगों से जुड़ी याचिकाएं खारिज



