
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के सबसे कमजोर और आर्थिक रूप से वंचित परिवारों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बड़ा कदम उठा रही है। ज़ीरो-पॉवर्टी अभियान के तहत पहचाने गए परिवारों को अब स्किल ट्रेनिंग से लेकर जॉब फेयर में प्लेसमेंट तक हर स्तर पर प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन (UPSDM) में विशेष आरक्षण आधारित व्यवस्था लागू की गई है।
अधिकारियों के अनुसार, सभी UPSDM कार्यक्रमों में ट्रेनिंग क्षमता बढ़ाई गई है और महिलाओं के लिए 33% तथा दिव्यांग व्यक्तियों के लिए 5% आरक्षण अनिवार्य किया गया है। प्रयागराज के स्किल डेवलपमेंट डिस्ट्रिक्ट मैनेजर अभिषेक शुक्ला ने बताया कि जिले में इस वर्ष 1,475 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिए जाने का लक्ष्य है, जिनमें से 575 युवा अब तक ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं।
प्रयागराज में 28,000 ज़ीरो-पॉवर्टी परिवारों की पहचान की गई है। इन परिवारों के सदस्यों को ट्रेनिंग सत्रों, जॉब फेयर और रोजगार अवसरों से जोड़ने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। अधिकारियों का मानना है कि यह पहल राज्य में समावेशी विकास को गति देगी और यूपी के गरीबी-मुक्त विकास लक्ष्य को मजबूत करेगी।
2024 में हुई थी ज़ीरो-पॉवर्टी अभियान की शुरुआत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती के अवसर पर ज़ीरो-पॉवर्टी अभियान की शुरुआत की थी। इसके तहत ग्राम पंचायतों को 10 से 25 सबसे गरीब परिवारों की पहचान कर प्राथमिकता सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया था। नई व्यवस्था इन परिवारों को सरकारी योजनाओं और डायरेक्ट बेनिफिट सपोर्ट से जोड़ने को और आसान बनाएगी।
यह भी पढ़ें – अमित शाह ने अहमदाबाद में आनंदीबेन पटेल पर आधारित पुस्तक ‘चुनौतियाँ मुझे पसंद हैं’ के गुजराती संस्करण का विमोचन किया



