
UP News : उत्तर प्रदेश के साढ़े तीन करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी से इनकार कर दिया है। पावर कॉरपोरेशन द्वारा भेजा गया टैरिफ बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग ने खारिज कर दिया है। लगातार छठा साल है जब यूपी में बिजली दरें स्थिर रखी गई हैं, जिससे उपभोक्ताओं ने चैन की सांस ली है।
आयोग ने साल 2025-26 में 163,778.24 मिलियन यूनिट बिजली आपूर्ति की जरूरत और 1,10,993 करोड़ रुपये की खरीद लागत को ध्यान में रखते हुए बिजली दरें यथावत रखने का फैसला किया। डिस्कॉम ने 164,592 मिलियन यूनिट के लिए 1,12,865 करोड़ रुपये का एआरआर दाखिल किया था, जिसे आंशिक रूप से संशोधित करते हुए 13.35% वितरण हानि को मंजूरी दी गई। राज्य सरकार 17,100 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी।
आयोग ने स्पष्ट किया कि बहुमंजिला इमारतों और टाउनशिप में सिंगल पॉइंट कनेक्शन की समस्याओं को दूर करने के लिए अलग से कंसल्टेशन पेपर जारी किया जाएगा। उपभोक्ताओं ने साझा क्षेत्रों में बिजली उपयोग की वास्तविक जानकारी न मिलने की शिकायत की थी।
नाेएडा में छूट जारी रहेगी
उपभोक्ता परिषद के विरोध और आपत्तियों के बाद आयोग ने दरें न बढ़ाने का निर्णय लिया। परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस फैसले को उपभोक्ता हित में बताया।
नोएडा पावर कंपनी (एनपीसीएल) क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए भी राहत जारी रहेगी- कंपनी की दरें यथावत रहेंगी और उपभोक्ताओं को 10% की छूट मिलती रहेगी।
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बिजली कंपनियों पर इस वर्ष भी 18,592 करोड़ रुपये बकाया सामने आया है, जिससे कुल बकाया 51,000 करोड़ के पार हो गया है। ऐसे में निकट भविष्य में बिजली दरों में इजाफा होने की संभावना बेहद कम मानी जा रही है।



