
Up News- जिले में फर्जी मुकदमा दर्ज करने में पुलिस अवार्ड लेने में लगी हुई है। कप्तान के सख्त निर्देश के बाद भी पुलिस फर्जी मुकदमा लिखने से नहीं बाज आ रही है। 23 जून को पाइंसा थाने में फिर एक पत्रकार के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज किया है। बिना जांच के पत्रकार के खिलाफ मुकदमा लिखने से पत्रकार संगठनों में रोष है।
पइंसा थाने इलाके के खूझा गांव निवासी राम बदन भार्गव सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार है। खबरों के चलते इलाके के कुछ लोगों से उनका विरोध चल रहा है। उन्होंने बताया है कि खूझा गांव निवासी रामराज की पत्नी अनीता को भूप सिंह, टिंकू, पूतू निवासी किशुनदासपुर व मोनू साहू निवासी खूझा बहला फुसलाकर भागा ले गए थे। रामराज कई महीने तक अफसरों के कार्यालयों का चक्कर काटतारहा। 18 जून को रामराज दिवाकर की शिकायत 8 महीने बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी भूप सिंह यादव व उसके तीन साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। आरोप है कि इसके बाद तीनों आरोपी लगातार मुकदमा में सुलह के लिए क्रॉस केश लिखवाने के लिए प्रयासरत थे। लेकिन अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे थे। आरोप है कि 23 जून को सभी आरोपियों ने पुलिस पर दबाव बनाकर भूप सिंह की मां के गायब होने की फर्जी एफआईआर पत्रकार राम बदन भार्गव, उनके भाई व भतीजे के खिलाफ दर्ज करा दिया है। पत्रकार के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज होने से पत्रकार संगठनों में रोष है। साथ ही बिना जांच के एफआईआर दर्ज करने पर पत्रकारों ने कड़ा विरोध किया है।