
Lucknow News. उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी निकायों के ढांचे को आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने निकायों में भर्ती के लिए नए कॉडर की व्यवस्था लागू की है। अब नगर निकायों में ट्रैफिक अभियंता और पर्यावरण अभियंता की नियुक्तियां की जाएंगी। इसके साथ ही मुख्य स्वच्छता अधिकारी और नगर नियोजक जैसे नए पद भी सृजित किए गए हैं, ताकि शहरों का विकास सुनियोजित और स्वच्छ हो सके।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव पी. गुरुप्रसाद ने इसके लिए उत्तर प्रदेश पालिका (केंद्रीयत) सेवा नियमावली 2025 जारी की है और सभी निकायों को इसके अनुसार कार्य करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, अब तक नगर निकायों में ट्रैफिक और पर्यावरण अभियंता के पद नहीं थे, जबकि बढ़ते शहरीकरण के चलते इनकी जरूरत लगातार महसूस की जा रही थी। नई नियमावली के तहत नगर निगमों में अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता (ट्रैफिक) के पद सृजित किए गए हैं। वहीं, मुख्य स्वच्छता निरीक्षक का नया पद बनाया गया है, जिसका वेतनमान 4600 ग्रेड पे होगा।
निकायों में ITMS किया जा रहा लागू
केंद्र सरकार की सहायता से राज्य के निकायों में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) लागू किया जा रहा है, जिसके तहत ट्रैफिक लाइट, एकीकृत कंट्रोल रूम और आधुनिक निगरानी व्यवस्था स्थापित की जाएगी।
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इसके अलावा, उत्तर प्रदेश पालिका पर्यावरण सेवा के तहत नगर निगमों में अधीक्षण और अधिशासी अभियंता (पर्यावरण) की भर्ती की जाएगी। साथ ही, वरिष्ठ नगर नियोजक, नगर नियोजक और प्रधान पशु कल्याण अधिकारी जैसे पदों का भी सृजन किया गया है, जो गौशालाओं और पशु संरक्षण की देखरेख करेंगे। सरकार का कहना है कि यह नया ढांचा शहरों के विकास, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता व्यवस्था को नई दिशा देगा।