Pankaj Chaudhary : ‘पूर्वांचल बना सत्ता और संगठन का केंद्र’, केंद्रीय नेतृत्व का भरोसा, 2027 की तैयारी

Pankaj Chaudhary :  केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का निर्विरोध रूप से प्रदेश अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है।

Pankaj Chaudhary :  केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का निर्विरोध रूप से प्रदेश अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है। उनके अध्यक्ष बनने के साथ ही पूर्वांचल एक बार फिर उत्तर प्रदेश की राजनीति का केंद्र बन गया है, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रस्तावित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी, दोनों ही इसी क्षेत्र से आते हैं।

पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर गोरखपुर से शुरू हुआ। वर्ष 1989 में उन्होंने गोरखपुर नगर निगम से पार्षद का चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखा और 1989 से 1991 तक उपमहापौर के रूप में कार्य किया। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति का रुख किया और पड़ोसी जिले महाराजगंज से लोकसभा चुनाव लड़ा। 1991 में पहली बार सांसद बने पंकज चौधरी अब तक छह बार लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 2004 और 2009 में हार के बावजूद उन्होंने लगातार मजबूत वापसी की, जिससे उनके लंबे संसदीय अनुभव और राजनीतिक पकड़ का अंदाजा लगाया जाता है।

कुर्मी समुदाय से आने वाले पंकज चौधरी ओबीसी वर्ग में यादवों के बाद दूसरे सबसे बड़े जातीय समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं। तराई, काशी, गोरखपुर, अवध और रुहेलखंड समेत कई क्षेत्रों में कुर्मी मतदाताओं की निर्णायक भूमिका मानी जाती है। देवरिया और कुशीनगर जैसे जिलों में भी इस समुदाय का खासा प्रभाव है। भाजपा इससे पहले भी स्वतंत्र देव सिंह और विनय कटियार जैसे कुर्मी नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष बना चुकी है।

एक साथ कई लक्ष्य

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा एक साथ कई राजनीतिक लक्ष्यों को साधना चाहती है। 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) समीकरण के जरिए उल्लेखनीय सफलता हासिल की थी, जिससे भाजपा को नुकसान हुआ। अखिलेश यादव 2027 के विधानसभा चुनाव में भी इसी फार्मूले पर फोकस कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा गैर-यादव ओबीसी चेहरे को आगे कर पीडीए समीकरण में सेंध लगाने की रणनीति पर काम कर रही है।

महाराजगंज और गोरखपुर का भौगोलिक समीकरण भी इस फैसले को राजनीतिक रूप से मजबूत बनाता है। गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है, जबकि महाराजगंज पंकज चौधरी का प्रभाव क्षेत्र है। संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल को लेकर कुछ अटकलें जरूर हैं, लेकिन पंकज चौधरी इन चर्चाओं को सिरे से खारिज कर चुके हैं।

केंद्रीय नेतृत्व का भरोसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के विश्वस्त माने जाने वाले पंकज चौधरी को केंद्रीय नेतृत्व का भरोसा हासिल है। उनकी साफ छवि, प्रशासनिक अनुभव और मजबूत सामाजिक आधार के चलते उन्हें उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और राजनीतिक रूप से अहम राज्य की संगठनात्मक जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। अब देखना होगा कि भाजपा की यह रणनीति 2027 के विधानसभा चुनाव में कितना असर दिखा पाती है।

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