
UP News– इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केवल 15 जिलो में सहायक अध्यापकों का अंतर्जनपदीय तबादले की सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज की 5जून 25को जारी अधिसूचना की वैधता की चुनौती याचिका पर जवाबी हलफनामा मांगा है और अगली सुनवाई की तिथि 14जुलाई नियत की है।याची का कहना है कि केवल 15जिलो के अध्यापकों का तबादला विभेदकारी, मनमाना याची के अधिकारों का हनन है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार की एकलपीठ ने श्रावस्ती में प्राथमिक विद्यालय की सहायक अर्चना पाल की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बहस की।इनका कहना है कि परिषद की केवल 15जिलो के अध्यापकों के तबादले से समायोजन की नीति मनमानी व विभेदकारी है।इसे रद किया जाय।
परिषद की अधिवक्ता अर्चना सिंह ने कहा कि 15जिलो में अध्यापको की भारी कमी को पूरा करने के लिए तबादले से समायोजन का आदेश दिया गया है ताकि अनिवार्य शिक्षा कानून का सही मायने में पालन हो सके।यह विभेदकारी नहीं, विशेष कारण से ऐसा किया जा रहा है। कोर्ट ने परिषद को भेदभाव करने के मुद्दे पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
याची का कहना है कि वह गांव मंदना, फर्रूखाबाद की है और बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा उसकी नियुक्ति 31दिसंबर 16को कटही वागही प्राइमरी स्कूल,श्रावस्ती में की गई है।2017मे उसकी शादी नीरज कुमार सहायक अध्यापक जूनियर हाईस्कूल से हुई।पति हरदोई में तैनात थे।2021मे उनका तबादला फर्रुखाबाद कर दिया गया।
याची का कहना है कि ससुर का देहांत हो चुका है और 68 वर्षीय सास उसके साथ रहती है। उसके जुड़वां बच्चे हैं।पति फर्रुखाबाद व पत्नी श्रावस्ती में तैनात हैं। स्थानांतरण अर्जी दी है किन्तु कुछ जिलों को ही 23माई 25की अंतर्जनपदीय तबादला नीति में शामिल करना अन्य अध्यापकों के अधिकारों का उल्लघंन है।
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज
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