
Unnao News: उच्च प्राथमिक विद्यालय, रामपुर गढ़ौवा, औरास में बाल दिवस पर आयोजित “बाल मेला–2025” बुधवार को हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। पूरे विद्यालय परिसर में रंग-बिरंगी सजावट, बच्चों की मुस्कान और उनकी रचनात्मक ऊर्जा ने ऐसा माहौल बना दिया मानो बचपन सचमुच उत्सव बनकर खिल उठा हो।
मेले का उद्घाटन स्थानीय व्यापारी संतोष गुप्ता द्वारा फीता काटकर किया गया। उद्घाटन के साथ ही बच्चों द्वारा संचालित विभिन्न स्टॉलों पर भीड़ उमड़ पड़ा। मेले की थीम “बचपन, प्रकृति और नवाचार” रही। विद्यार्थियों ने स्वयं दुकानदार बनकर व्यवहारिक शिक्षा का शानदार प्रदर्शन किया।
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फोटो में दिखाई दे रहे स्टॉल–ज्योतिका का ग्रीन कॉर्नर बच्चों और अभिभावकों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा, जहाँ पौधों के साथ पर्यावरण संदेश भी दिए गए। बच्चों द्वारा संचालित फ्रूट शॉप, फास्ट फूड कॉर्नर, स्वीट्स शॉप, भेलपूड़ी स्टॉल, सैलून, मेंहदी कॉर्नर और बुक स्टॉल पर खूब खरीदारी हुई। स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने के लिए विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया हेल्थ कॉर्नर, जिसमें बच्चों ने BP जाँच सहित छोटे स्वास्थ्य परीक्षण भी किए, लोगों को खूब पसंद आया। तकनीकी रुचि वाले बच्चों ने विज्ञान–गणित गतिविधियों के माध्यम से वैज्ञानिक सोच का शानदार प्रदर्शन किया। मेले की पार्किंग, टिकट काउंटर, व्यवस्था प्रबंधन, साफ–सफाई, सुरक्षा सहित सभी व्यवस्थाएँ बच्चों ने स्वयं संभालीं और जिम्मेदारी का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया।
विद्यालय से पूर्व में पढ़ चुके छात्र–छात्राएँ भी मेले में शामिल हुए और जूनियर विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाया। तस्वीरों में साफ दिखाई दिया कि कैसे बच्चे अपनी दुकानों पर ग्राहकों से बातचीत करते, सामान बेचते, कीमतें तय करते और नोट–सिक्कों का प्रबंधन करते नज़र आए। किसी स्टॉल पर बच्चे झूले जैसे खेल करा रहे थे, तो किसी पर फल–सब्ज़ी बेचते दिखे। हर तरफ उत्साह, शोर, ठहाकों और सीख से भरा मेला जीवंत रहा।
पूरे आयोजन का संचालन शिक्षक प्रदीप कुमार वर्मा इंद्रपाल, शशि देवी, शाहे खुबा एवं रमनजीत कौर की टीम ने किया। सभी शिक्षकों ने बच्चों की सृजनात्मकता को दिशा देने और मेले को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।प्रदीप कुमार वर्मा ने कहा— “बाल मेला बच्चों की जिज्ञासा, आत्मविश्वास और सीखने की ऊर्जा का उत्सव है। यहाँ बच्चा किताब से बाहर निकलकर जीवन को स्वयं जीकर सीखता है। यही शिक्षा का वास्तविक रूप है।” मेले के सफल समापन के बाद बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों ने इसे विद्यालय का अब तक का सबसे प्रेरक और यादगार बाल दिवस कार्यक्रम बताया। सफीपुर के इब्राहिमाबाद में भी सौरभ वैश्य ने बाल मेले का आयोजन करवाया।



